अभी-अभी: ग्रामीण इलाकों के लिए RBI ने जारी किये बड़े निर्देश

नई दिल्लीः सरकार द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर कैश की किल्लत देखी गई। इससे सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों में हुई। ग्रामीण एरिया में कैश की किल्लत को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को नई गाइडलाइन जारी की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से कहा है कि रूरल एरिया में कम से कम 40 फीसदी बैंक नोट की सप्लाई की जाए। इसमें 500 और इससे छोटे मूल्य के नोट होने चाहिए।

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RBI की ओर से किए जा रहें हैं प्रयास
ग्रामीण क्षेत्रों में करंसी की सप्लाई बढ़ाने के लिए बैंक और रिजर्व बैंक की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। आर.बी.आई. के अनुसार, करंसी सप्लाई बेहतर बनाने के लिए कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। आरबीआई ने कहा, बैंक कम से कम 40 फीसदी बैंक नोट की सप्लाई रूरल एरिया में करें और उन जगहों पर करंसी की किल्लत को धीरे-धीरे दूर करें।

करंसी सप्लाई बढ़ाई जाए
बैंकों की करंसी चेस्ट से आरआरबी, डीसीसीबी और कॉमर्शियल बैंकों की रूरल ब्रांचेज में नए नोटों की उपलब्धता बढ़ाई जाए। इसमें व्हाइट लेवल एटीएम और पोस्ट ऑफिसेस को प्राथमिकता दी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में करंसी की डिमांड अलग-अलग ज़िले के अनुसार अलग है। इसलिए जरूरत के अनुसार करंसी की सप्लाई की जाए। जिले में स्थित सभी करंसी चेस्ट से ग्रामीण क्षेत्रों के सभी डिस्ट्रिब्यूशयन चैनल को बैंक नोट की सप्लाई अनिवार्य रूप से की जाए।

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करंसी सप्लाई की मॉनिटरिंग रोजाना की जाए
रिजर्व बैंकों ने बैंकों से कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में करंसी सप्लाई की डेली मॉनिटरिंग की जाए। रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि करंसी चेस्ट से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक नोट के सप्लाई की डेली रिपोर्ट उनके लिंक ऑफिसेस में भेजी जाए। इसके साथ ही चेस्ट की एक वीकली रिपोर्ट दी जाए। वीकली समरी में प्रत्येक शुक्रवार को बैंकों में बिजनेस समाप्त होने तक की रिपोर्ट होगी। बैंकों के लिंक ऑफिसेस इस रिपोर्ट को रिजर्व बैंकों के रिजनल ऑफिसेस में भेजें। इसके लिए एक फॉर्मेट दिया गया है।

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