अभी-अभी:सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगायी फटकार, शराब क्यों बंद की

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है कि शराब क्यों बंद की गई। मुख्य सचिव को नोटिस भेज जवाब मांगा है। आपको बता दें बिहार में पूर्ण शराबबंदी और सात निश्चय पर अमल शुरू करने के कारण वर्ष 2016 में नीतीश सरकार को जहां खूब वाहवाही मिली वहीं सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों के कारनामों के कारण उसकी किरकिरी भी हुई ।

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बिहार में गुजरते वर्ष 2016 का एजेंडा सीएम नीतीश कुमार ने वर्ष 2015 के 26 नवंबर को ही एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करने की घोषणा कर तय कर दिया था। मद्य निषेध और उत्पाद विधेयक 2015 के तहत प्रथम चरण  में पूरे राज्य में एक अप्रैल से देशी शराब के उत्पादन, सेवन और बिक्री पर रोक लगा दी गई। 
साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। सरकार ने शराबंदी के समर्थन में प्रबल जन समर्थन और महिला समूहों की ओर से शहरी क्षेत्रों में भी विदेशी शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को देखते हुए पांच अप्रैल से सम्पूर्ण राज्य में विदेशी शराब को प्रतिबंधित करने का निर्णय ले लिया।
सरकार के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी । इसी बीच सरकार ने पूर्ण शराबबंदी को और कड़ाई  से अमल में लाने के लिए नई उत्पाद नीति 2016 को विधानमंडल के मानसून सत्र में पेश किया जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। इस नए कानून में घर से शराब की बोतल बरामद होने पर परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को गिरफ्तार करने और गांव पर सामूहिक जुर्माना करने जैसे प्रावधान है।
लाइवइंडिया.लाइव से साभार… 

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