सरकार कर रही है ,15 सैन्य एयरपोर्ट पर छोटे विमानों पर लगने वाला ‘लैंडिंग चार्ज’ हटाने पर विचार

घरेलू उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एक नई पहल करने की तैयारी में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि सरकार देश के 15 सैन्य एयरपोर्ट पर 80 सीटों से कम क्षमता वाले छोटे विमानों पर लगने वाला ‘लैंडिंग चार्ज’ हटाने पर विचार कर रही है। इससे छोटे शहरों को हवाई संपर्क के जरिए जोड़ने की सरकारी योजना में तेजी मिलने की उम्मीद है।

बता दें कि फिलहाल किसी भी एयरलाइंस को देश में सैन्य एयरपोर्ट पर अपना विमान उतारने के लिए उसके वजन के हिसाब से ‘लैंडिंग चार्ज’ भारतीय वायुसेना को चुकाना पड़ता है। वायुसेना ही सैन्य एयरपोर्ट का संचालन संभालती है। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, एक एयरलाइंस ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से देश के 15 सैन्य एयरपोर्ट पर 80 सीटों से कम क्षमता वाले विमान से लैंडिंग चार्ज नहीं वसूले जाने का आग्रह किया था।

इसके बाद निर्णय लिया गया था कि नागरिक उड्डयन सचिव इस मुद्दे को जल्द ही रक्षा मंत्रालय के सामने रखेंगे। उसके बाद ही इस बात पर फैसला होगा कि यह चार्ज हटाया जाएगा या नहीं। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने अनौपचारिक तौर पर इशारा कर दिया है कि लैंडिंग चार्ज हटाया जा सकता है। हालांकि इस बारे में अभी तक रक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई है। 

बता दें कि देश में वायुसेना के नियंत्रण वाले 15 एयरपोर्ट के एक हिस्से को ‘सिविल एन्क्लेव’ का दर्जा मिला हुआ है। इन एयरपोर्ट के इसी हिस्से से कामर्शियल विमानों का संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के निर्देशन में होता है।

इस हिस्से में विमान उतारने के लिए फिलहाल लैंडिंग चार्ज अलग से वसूला जाता है, जो यात्रियों के टिकट में शामिल होता है। ऐसे में यदि यह चार्ज हटाने का निर्णय लिया जाता है तो यात्रियों को भी सस्ते टिकट का लाभ मिलने की संभावना बन जाएगी।

इंडिगो और स्पाइसजेट को होगा लाभ

देश में फिलहाल स्पाइसजेट और इंडिगो एयरलाइंस के बेड़े में ही 80 सीटों से कम क्षमता वाले कुछ विमान मौजूद हैं। ये एयरलाइंस इन विमानों का उपयोग उन छोटे शहरों के एयरपोर्ट पर सेवा देने के लिए करती हैं, जहां से कम यात्री मिलते हैं। सरकार के फैसले से इन कंपनियों को लाभ मिलेगा।
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