देखिये कैसे लाश की राख से बनता है हीरा

अलगोरदांज का हिन्दी में अर्थ होता है ‘यादें’। इस कम्पनी का यह कारोबार स्विट्जरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रिया तक फैला हुआ है। अनेक लोग अपने प्रियजनों के निधन के बाद इस अनोखी तकनीक का लाभ लेना पसंद कर रहे हैं।

इस कम्पनी के जरिए कोई भी अपने प्रिय मृत परिजन की यादों को हमेशा के लिए अपने साथ संजोकर रख सकता है। यह कम्पनी मृत शरीर की राख को हीरे में बदल देती है। रिनाल्डो विल्ली जब स्कूल में पढ़ते थे, तब उनको शिक्षक ने सब्जियों की राख को हीरे में बदलने के बारे में बताया था।

तभी से रिनाल्डो के मन में आया कि जैसे सब्जियों की राख से हीरा बनाया जा सकता है। वैसे ही मृत लोगों की राख से भी तो हीरा बनाया जा सकता है। उसने अपने इसी आइडिया पर काम किया और मृत लोगों की राख से सिंथेटिक हीरे को बनाते हुए अपनी कम्पनी की स्थापना कर ली।

यह कम्पनी एक वर्ष में करीब 850 मृत लोगों की राख को हीरे में तबदील कर रही है। एक हीरा तैयार करने के लिए कम्पनी को कम से कम आधा किलो राख की जरूरत होती है।

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