PM मोदी बोले- ”हम विकास की सोचते हैैं, चुनाव की नहीं”

जिस तरह जर्मनी में जर्मन समय वैधानिक समय है उसी तरह भारत में भी यहां का वैधानिक समय का इस्तेमाल किया जाएगा। देश में भारतीय समय का इस्तेमाल अनिवार्य करने के लिए कानून बनाया जाएगा। जिसके बाद देश का अपना मानक समय होगा। नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (एनपीएल) अब रेलवे से लेकर बैंकिंग सेक्टर तक सबको सटीक समय की जानकारी देगी।

दिनेश कुमार ने आगे बताया कि सरकार की योजना पूरे देश में सिर्फ एक समय के इस्तेमाल की है, जो भारत का मानक समय होगा। इसके अनिवार्य इस्तेमाल के लिए सरकार जल्द ही संसद में विधेयक लाएगी। इस मामले में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों से उनकी चर्चा चल रही है। इसरो ने तो अपने प्रक्षेपणों में इसका इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है।
डिजिटल लेनदेन में साइबर सुरक्षा के लिए सटीक समय की जानकारी जरूरी है। कई विकसित देशों में उनका स्थानीय समय ही एकमात्र वैधानिक समय होता है। जर्मनी में जर्मन समय वैधानिक समय है। वहां के लोग किसी और समय का इस्तेमाल नहीं कर सकते। वहीं, भारत में अभी आधिकारिक समय तो है, लेकिन उसे अभी वैधानिक दर्जा नहीं दिया गया है। इस कारण हम किसी भी समय का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं।





