इस शहर में चेचक के नए मामले आए सामने, तीन सालों में हुई 30 फीसदी की बढ़ोतरी

एक तरफ अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बच्चों में चेचक जैसी खतरनाक बीमारी के पूरी दुनिया से खत्म होने का दावा किया है वहीं दूसरी तरफ कई देशों में इस वायरल संक्रमण की पुष्टि पिछले तीन वर्षों में हुई है। यह भी पता चला है कि नए मामलों के समूह कुछ आपस में जुड़े हैं और कुछ नहीं, जो वैज्ञानिकों को भ्रमित कर रहे हैं। वैज्ञानिक समझ रहे थे कि उन्होंने चेचक पर नियंत्रण पा लिया है लेकिन वे गलत साबित हुए हैं।इस शहर में चेचक के नए मामले आए सामने, तीन सालों में हुई 30 फीसदी की बढ़ोतरी

चेचक का यह नया प्रकोप न्यूयॉर्क के रॉकलैंड काउंटी में भी पाया गया और इस्राइल से यूक्रेन के लिए होने वाली वार्षिक हसीदिक तीर्थयात्रा में भी। इंडोनेशिया, फिलीपींस, मेडागास्कर और वेनेजुएला के कई स्थानों में कभी-कभार चेचक के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन नए मामलों को भयंकर श्रृंखला का प्रतीक माना जा रहा है, जिसने वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों को हिला कर रख दिया है। नए मामलों ने टीकाकरण के प्रयासों में कमियों का खुलासा किया है और हस्ताक्षरित स्वास्थ्य उपलब्धि को धूमिल करने की कोशिश की है।

इसलिए चिंता की बात

2000 से 2016 के बीच दुनियाभर में चेचक में लगभग 80 फीसदी की गिरावट हुई। पांच साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 5.50 लाख से घटकर साल में 90 हजार रह गई। लेकिन पिछले तीन साल में चेचक के मामलों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

इन देशों में इतने मामले
मेडागास्कर – 66, 000
भारत – 63,000
पाकिस्तान – 31,000
यमन – 12,000
ब्राजील – 10,000
वेनेजुएला – 5700

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