भोपाल में RSS मुख्यालय से सुरक्षा हटाए जाने पर अपनी ही सरकार से खफा हुए दिग्विजय सिंह
लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. राज्य की कांग्रेस सरकार ने भोपाल स्थित RSS के मुख्यालय से सुरक्षा हटाने का फैसला किया है, जिस पर उनकी ही पार्टी के दिग्गज दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े कर दिए हैं. दिग्विजय ने ट्वीट कर संघ कार्यालय की सुरक्षा बहाल करने की अपील की है.
दरअसल, सोमवार देर रात कमलनाथ सरकार की ओर से भोपाल में मौजूद आरएसएस ऑफिस से सुरक्षा हटाने की बात कही है. देर रात वहां से सुरक्षा हटना भी शुरू हो गई. भोपाल में मौजूद संघ का दफ्तर पूरे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का केंद्र है.
ऐसे में भोपाल सीट से ही कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने इस पर आपत्ति दर्ज करवा दी. दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘’भोपाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है, मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से अनुरोध करता हूं कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें’’.
बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ही पूर्व में संघ के आलोचक रहे हैं, ऐसे में अब लोकसभा चुनाव से पहले दिग्विजय का ये कदम चौंकाने वाला है.
भारतीय जनता पार्टी भी भड़की
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने समिधा से सुरक्षा हटाये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है कि ‘भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय से सुरक्षा का हटाया जाना @OfficeOfKNath का बेहद ही निंदनीय कदम है. @INCMP द्वारा शायद फिर किसी हमले की योजना बनाई गई है, अगर किसी स्वयंसेवक को खरोंच भी आई तो कांग्रेस सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी’.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर ने भी चेतावनी भरे लहजे में लिखा है कि ‘@OfficeOfKNath सरकार का प्रतिशोध भरा कदम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भोपाल कार्यालय से सुरक्षा हटाकर कांग्रेस ने शायद फिर हमले की योजना बनाई है. इन्हें क्या लगता है संघ डर जाएगा! संघ ना रुकता है ना झुकता है, किसी स्वयंसेवक को खरोंच भी आई तो समझ लें कि क्या होगा’.
क्यों खास है भोपाल संघ मुख्यालय?
आपको बता दें कि भोपाल स्थित संघ कार्यालय समिधा मध्य क्षेत्र का मुख्यालय है जहां आरएसएस की मध्य प्रांत की महत्वपूर्ण बैठकें होती हैं और जिसमें संघ से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण लोग शामिल होते हैं और साथ ही बीजेपी के कई बड़े नेताओं का यहां आना-जाना लगा रहता है.
बतौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कई बार यहां आ चुके हैं लेकिन बीजेपी की सरकार जाने के साल 2009-2010 से समिधा के बाहर तैनात एसएएफ के जवानों को सोमवार देर रात हटा दिया गया.
हालांकि जवानों को क्यों हटाया गया इसपर अभी सरकार या पुलिस की तरफ से कोई बयान नहीं आया है और ना ही संघ की तरफ से कोई प्रतिक्रिया लेकिन बीजेपी ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
कमलनाथ इससे पहले ही सरकार बनने से पहले और सरकार बनने के बाद संघ को लेकर तीखी टिप्पणी करते रहे हैं, जिसपर उनका भाजपा नेतृत्व से भी टकराव रहा है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में वादा किया था कि वह सरकारी दफ्तरों में लगने वाली संघ की शाखा पर रोक लगाएंगे, अब लोकसभा चुनाव से पूर्व इसपर काम भी शुरू हो गया है.
वहीं इससे पहले भी कमलनाथ सरकार ने सरकारी अफसरों को आदेश दिया था कि वह RSS की शाखा में ना जाएं और अगर कोई जाता है तो उसपर कार्रवाई की जा सकती है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में संघ का काफी ज्यादा कैडर और प्रभाव है, ऐसे में देखना ये भी होगा कि राज्य सरकार के ये फैसले लोकसभा चुनाव में किस तरह का असर डालते हैं.