उत्तराखंड: भारी बर्फबारी के बाद 600 मीटर ऊंचाई से हिमस्खलन आया नीचे

उत्तराखंड की हर्षिल वैली में भारी हिमस्खलन होने से गंगा भागीरथी की एक धारा का प्रवाह कुछ देर के लिए अवरुद्ध हो गया था। हालांकि पानी से बर्फ कटने पर अब नदी का प्रवाह सामान्य हो गया, लेकिन तापमान में इजाफा होने से इस हिमाच्छादित क्षेत्र में हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है।उत्तराखंड: भारी बर्फबारी के बाद 600 मीटर ऊंचाई से हिमस्खलन आया नीचे

इस बार सर्दियों में गंगोत्री हिमालय क्षेत्र में हुई भीषण बर्फबारी के चलते गंगोत्री धाम समेत हर्षिल वैली पूरी तरह हिमाच्छादित है। अब तापमान बढ़ने पर इस क्षेत्र में हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है।

600 मीटर ऊंचाई से हुआ हिमस्खलन भागीरथी तक जा पहुंचा

मुखबा और जांगला के बीच व्यू प्वाइंट के सामने वाले हिस्से में करीब छह सौ मीटर ऊंचाई से हुआ हिमस्खलन गंगा भागीरथी तक जा पहुंचा। गंगोत्री की ओर से लौट रहे पर्यटक इस हिमस्खलन के साक्षी बने।

पर्यटक दल में शामिल वेयर ईगल्स डेयर ग्रुप के संचालक तिलक सोनी ने बताया कि हिमस्खलन बर्फ की नदी की शक्ल में नीचे आया और इसने कुछ देर के लिए गंगा भागीरथी के प्रवाह को एक छोर पर अवरुद्ध कर दिया, जिससे यहां कुछ मिनटों पर गंगा भागीरथी का पानी ठहर गया। हालांकि कुछ देर में पानी ने बर्फ को काटकर अपना रास्ता बना लिया और नदी का प्रवाह सामान्य हो गया।

पहली बार आंखों के सामने हिमस्खलन होता देखा

बंगलूरू कर्नाटक से आए पर्यटक डा.शंकर, डा.गिरीश, डा.सतीश आदि ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार आंखों के सामने हिमस्खलन होता देखा है।

उन्होंने कहा कि यह बेहद रोमांचक था। आबादी क्षेत्र के निकट अथवा इस क्षेत्र में मानव आवाजाही होने पर यह बड़ा खतरा बन सकता था। हिमस्खलन में आए विशालकाय पेड़ और पत्थरों से मुखबा-जांगला पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया। 

सर्दियों में गंगोत्री हिमालय क्षेत्र में जमकर हुई बर्फबारी

इस बार सर्दियों में गंगोत्री हिमालय क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई है। जिससे अब तापमान बढ़ने पर हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। हिमालय क्षेत्र में यह सामान्य घटना है। इस पर नजर रखी जा रही है। गंगोत्री की ओर जा रहे पर्यटकों से भी एहतियात बरतने को कहा जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button