अगर पाकिस्तान के हाथ लगा ये खजाना तो, बन जाएगा एशिया का सबसे विशाल…

आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अपने अच्छे दिन आने की उम्मीद नजर आ रही है. पाकिस्तान सरकार में मंत्री अब्दुल्ला हुसैन हरून का कहना है कि पाकिस्तान-ईरान सीमा पर अमेरिकी कंपनी एक्सॉनमोबिल बहुत बड़े तेल भंडार की खोज करने के बिल्कुल करीब पहुंच गई है.

अमेरिकन बहुराष्ट्रीय तेल और गैस कंपनियां फिलहाल पाकिस्तान के कराची के समुद्री तटों पर 5000 मीटर तक की खुदाई कर ली है और तेल भंडार खोजने के प्रति आश्वस्त है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी गुरुवार को संकेत दिया था कि एशिया का सबसे विशाल तेल और गैस भंडार उनके हाथ लगने वाला है. पाकिस्तानी पीएम ने अपने देशवासियों से अपील भी की कि वे प्रार्थना करें कि तेल भंडार को लेकर सारी उम्मीदें सच साबित हों.

उन्होंने कहा, पहले ही तीन हफ्ते की देरी हो चुकी है लेकिन अगर खुदाई कर रहीं कंपनियों से मिल रहे संकेत पर चलें तो मजबूत संभावना है कि हम अपने पानी में बड़ा तेल भंडार खोज लेंगे. अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान एक अलग कतार में आकर खड़ा हो जाएगा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि अगर ये विशाल तेल भंडार मिल जाते हैं तो पाकिस्तान की अधिकतर आर्थिक समस्याएं सुलझ जाएंगी और फिर देश की तरक्की के रास्ते में कोई रुकावट नहीं आएगी.

अगर अनुमान के मुताबिक तेल भंडार खोज लिए जाते हैं तो पाकिस्तान तेल उत्पादक के 10 शीर्ष देशों की सूची में शामिल हो जाएगा और कुवैत को भी पीछे छोड़ देगा. कुवैत दुनिया के तेल भंडारों के कुल 8.4 फीसदी तेल भंडारों का मालिक है.

एक अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में दुनिया के 81.89 फीसदी तेल भंडार ओपेक देशों के पास है. 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा है कि उनकी सरकार ने एक्सॉन मोबिल कंपनी से 10 अरब डॉलर के जेनरेशन कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए अंडरटेकिंग ले ली है.

हरून ने कहा, अमेरिकी कंपनी पोर्ट कासिम में एलएनजी बर्थ बनाने की तैयारी कर ली है जो कराची में दूसरा सीपोर्ट भी होगा. पाकिस्तान में खुदाई के अधिकारों के लिए उन्होंने पहले ही भुगतान कर दिया है.

मंत्री ने कहा, पाकिस्तान विदेशी निवेशकों को खेलने के लिए फील्ड मुहैया करा दी है और वे पाकिस्तान आने में रुचि भी दिखा रहे हैं. अब केवल उनके मानकों पर खरा उतरने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कोशिशें करने की जरूरत है.

वर्तमान में पाकिस्तान अपनी पेट्रोलियम की जरूरत का केवल 15 फीसदी ही तेल उत्पादन कर पाता है जबकि 85 फीसदी आपूर्ति आयात के जरिए होती है. इससे पाकिस्तान को तेल के लिए सऊदी पर निर्भर होना पड़ता है.

 

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