सरकार की चाहत: खूब सेक्‍स करो

Sex-Relationship-Orgasmनई दिल्‍ली:  दुनिया में जनसंख्या को लेकर हर देश के सामने अलग अलग समस्या है। बढती जनसंख्या को लेकर एक तरफ जहां चीन और भारत परेशान हैं। वहीं, दूसरी ओर एक ऎसा भी देश जहां जनसंख्या कम होने के कारण वहां की सरकार परेशान है। चीन की सरकार ने अपने देश में साफ तौर पर आदेश दे रखे हैं कि परिवार नियोजन का पालन करें और सिर्फ एक ही बच्चा पैदा करें। एक बच्चे से अधिक पैदा करने पर वहां की सरकार उन माता पिता पर जुर्माना लगा देती है। वहीं, भारत में परिवार नियोजन की अपील कर इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है जिससे बढती जनसंख्या पर रोक लग सके। वहीं हम बात करें डेनमार्क की तो वहां की सरकार कम जनसंख्या होने कारण परेशान हैं।

लेकिन डेनमार्क की सरकार ने लोगों से अपील की है कि देश में रहने वाले लोग खूब सेक्स करें और ढेर सारे बच्चे पैदा करें। उसे चिंता है कि इसी तरह बर्थ रेट गिरता गया, तो आनेवाले दिन परेशानी का सबब बन जाएंगे। आमतौर पर ऎसा कम देखने को मिलता है कि किसी देश की सरकार जनसंख्या को लेकर इतनी चिंतित है कि उसे लोगों से जनसंख्या बढाने की अपील करनी पडे। सोसाइटी की मुखिया क्रिस्टेनसेन का कहना है कि सरकार पिछले साल से ही बर्थ रेट बढाने के लिए अभियान चला रही है।

आपको बता दें कि डेनमार्क में शिशु जन्म दर गिरकर 1.7 पर पहुंच चुका है, इसलिए डेनमार्क की सरकार पिछले कुछ सालों से विभिन्न अभियानों के जरिये अपने नागरिकों से ज्यादा से ज्यादा शारीरिक संबंध बनाने की अपील कर रही है। कपल्स की छुट्टी के दिनों में अच्छी-खासी संख्या में गर्भधारण के मामले को देखते हुए पिछले साल सरकार ने एक विज्ञापन के जरिये डेनिश कपल्स से एक दिन की छुट्टी लेने को प्रोत्साहित किया।

पिछले साल “डेनमार्क के लिए करें” (डू इट फॉर डेनमार्क) नामक अभियान इसी का हिस्सा था जिसमें लोगों से यह अपील की गयी थी कि लोग ज्यादा से ज्यादा सम्बन्ध बनाएं और अभियान को सफल बनाएं। सरकार की इस अपील के बाद डेनमार्क की ट्रेवल कंपनियां भी इस अवसर को भुनाने का पूरा प्रयास कर रही हैं।

“स्पाइज” नामक ट्रेवल कंपनी ने “अपनी मां के लिए करें” (डू इट फॉर मॉम)नामक अभियान चलाकर माता-पिता से यह अपील की है कि वे अपने बेटे-बहुवों को छुट्टी पर भेजें जिससे वे जल्द से जल्द दादा-दादी बन सकें। कंपनी ने छुट्टी पर आकर बच्चे पैदा करने वाले जोडों को खास ऑफर्स भी दिए जाने का वादा किया है जैसे उन्हें तीन साल तक मुफ्त बच्चों के डायपर्स दिए जाएंगे और विदेश यात्रा करवाई जाएगी।

दरअसल पूरे यूरोप महादेश में बर्थ रेट्स में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। कई देशों में प्रति महिला बर्थ रेट 2.1 के आंकड़े से भी नीचे आ गया है। जो कम से कम मौजूदा जनसंख्‍या को  बरकरार करने के लिये जरूरी है। नतीजतन उनमें से कई देशों ने अपने यहां शिशु जन्‍म दर सुधारने की दिशा मे कदम भी उठाने शुरू कर दिये।

बताते चलें कि रूस की सरकार ने 2007 में 12 सितंबर को ‘राष्ट्रीय गर्भाधान दिवस’ (नेशनल डे ऑफ कंसेप्शन) घोषित किया था। सरकार को यह उम्मीद रहती है कि सिविक ड्यूटी से एक दिन की छुट्टी मिलने पर नौ माह बाद रूस के राष्ट्रीय दिवस (12 जून) पर महिलाएं बच्चों को जन्म देंगी। साथ ही साथ नेशनल डे पर बच्चे को जन्म देने वाली महिलाएं फ्रीज, कार व पैसे भी जीत सकती हैं। इसके अलावा इटली में भी नई-नई मां बनने वाली महिलाओं को वित्तीय प्रोत्साहन व सहायता सेवाएं मुहैया करवाई जाती है।

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