लगातार दूसरी बार विनिवेश लक्ष्य से ज्यादा की कमाई, खजाने में आए 85,000 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान विनिवेश के जरिए 85,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है, जबकि लक्ष्य 80,000 करोड़ रुपये का था।
जेटली ने ट्वीट कर कहा, ‘चालू वित्त वर्ष के लिए 80,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले आज विनिवेश से मिलने वाली रकम 85,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।’
सरकार ने सीपीएसई ईटीएफ की पांचवीं किस्त से जहां 9,500 करोड़ रुपये जुटाए, वहीं आरईसी पीएफसी डील से उसे 14,500 करोड़ रुपये मिले है।
सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए 90,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है।
रेटिंग एजेंसियों और कई आर्थिक विश्लेषकों चुनौतीपूर्ण हालात और बाजार में जारी उतार-चढ़ाव का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए तय किए गए विनिवेश लक्ष्य के चूकने की आशंका जाहिर की थी।
रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में विनिवेश के जरिए 60,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जताई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार वित्त वर्ष 2014 से 2017 के बीच विनिवेश लक्ष्य का 65 फीसद रकम ही जुटाने में सफल रही थी। 2014 में सरकार लक्ष्य के मुकाबले 53 फीसद रकम ही जुटा पाई थी।
हालांकि, वित्त वर्ष 2018 में सरकार ने तय लक्ष्य 72,500 करोड़ रुपये के मुकाबले करीब 1 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाने में सफल रही थी।