जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं तो फिर विधानसभा चुनाव क्यों नहीं: फारुक अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने रियासत में विधानसभा चुनाव न कराने पर भारतीय चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए पूछा है कि कि अगर लोकसभा चुनाव हो सकते हैं तो फिर विधानसभा चुनाव क्यों नहीं।
गौरतलब है कि राज्य में जून 2018 से राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्य में विभिन्न राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव कराने व राज्य में एक निर्वाचित सरकार की बहाली की मांग कर रहे हैं। सभी को उम्मीद थी कि चुनाव आयोग राज्य में संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराएगा। लेकिन गत रोज चुनाव आयोग ने रियासत में कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए विधानसभा चुनावों की घोषणा को कुछ समय के लिए टाल दिया। अलबत्ता, राज्य में लोस चुनाव देश के अन्य भागों के साथ ही कराए जा रहे हैं।
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग की है। सभी ने इस विषय में चुनाव आयेाग के समक्ष अपना पक्ष रखा। संसदीय चु़नावों के लिए यहां माहौल अनुकूल है, लेकिन विधानसभा चुनावों के लिए नहीं। यहां पंचायत और स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव भी बीते साल कराए गए और वह एक शांत माहौल में संपन्न हुए हैं। यहां सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबल पहले से ही मौजूद हैं,फिर भी यहां चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं?