ये है एक ऐसी मां, जो फेसबुक पर पोस्ट डालकर देतीं है लाइव दर्शन

राधे मां के आपने कई रूप देखे होंगे लेकिन आज हम आपको उनका एक अलग ही रूप दिखाने जा रहें है, जो जरा हटके है। देखिए दर्शन देने का एडवांस और हाईटेक तरीका। राधे मां का यह पोस्ट 3 दिसंबर का है, जिसमें उन्होने लिखा है कि वह 10 मिनट में Live दर्शन देने जा रहीं है।
चलिए हम आपको बताते है कि अकसर सुर्खियों में रहने वाली राधें मां है कौन? राधे मां, एक सीधी सी 10वीं पास पंजाबन लड़की थी। 18 साल की उम्र में शादी हो गई थी। पंजाब के एक हलवाई के बेटे की बहू थी।
राधे मां उर्फ गुड़िया उर्फ सुखविंदर कौर का जन्म 1964 में गांव दोरांगला (गुरदासपुर) में हुआ था। जब सुखविंदर कौर 18 साल की थी तो उनका विवाह करम सिंह हलवाई के बेटे मोहन सिंह के साथ हो गया। मोहन सिंह ने कुछ समय मिठाई की दुकान की और फिर दोहा कतर चला गया।
पति का विदेश जाना राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस दौरान उसने कपड़े भी सिले और जल्द ही अध्यात्म की दिशा में मुड़ गई। 23 साल की उम्र में सुखविंदर मुकेरियां में डेरा परमहंस बाग के महंत रामाधीन दास की शिष्या बन गई। महंत ने उसे आध्यात्मिक दीक्षा दी और ‘राधे मां’ के रूप में नया नाम दिया। आज उनके लाखों फोलोअर्स हैं। वे अपने अनोखे पहरावे को लेकर चर्चा में रहती हैं।
नया नाम मिलने के बाद वह सत्संग करने लगी और खानपुर में मां भगवती मंदिर राधे मां का आध्यात्मिक केंद्र बन गया। लोग कहते हैं कि इस तरह के सत्संग के दौरान वह अपने भक्तों को वरदान देती थी जिससे उनके संकट दूर रहते थे। ऐसा ही एक आशीर्वाद राधे मां ने मुंबई के एक भक्त को दिया और उसका कोई गंभीर मसला हल हो गया।
वही भक्त राधे मां को मुंबई ले गया। इसके बाद वह नियमित रूप से मुकेरियां आती रहीं। बाद में वह मुंबई में अपनी आध्यात्मिक बैठकों में व्यस्त हो गई और पति और दो बेटों के साथ मुंबई में ही रहना शुरू कर दिया। तब से राधे मां का मुकेरियां आना कम हो गया। अंतिम बार वह पिछले साल राम नवमी पर मुकेरियां आई थीं।
मुकेरियां के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर खानपुर में राधे मां का आध्यात्मिक निवास मां भगवती मंदिर है। मंदिर में उनकी बहन अपने परिवार के साथ रहती हैं और मंदिर की देखरेख करती हैं। भक्तों के बीच सुखविंदर कौर के पति को पिता का दर्जा मिला हुआ है और उन्हें ‘डैडी जी’ कहा जाता है। राधे की बहन को भक्त ‘रज्जी मासी’ और उनके पति को ‘मासड़ जी’ कह कर संबोधित करते हैं।
राधे मां की भाभी बलविंदर कौर की हत्या के मामले में उनके भाई और पिता को सजा भी हो चुकी है। बलविंदर कौर के भाई जगतार सिंह ने गांव नानोनंगल में पिछले साल आरोप लगाया था कि राधे मां के दो भाई और पिता ने उनकी बहन की हत्या की थी, जिन्होंने 10-10 साल की सजा काटी। एक बार राधे मां ने अपनी भाभी बलविंदर को इतना धमकाया था कि वह बेहोश ही गई थीं।
खुद को देवी बताने वाली राधे मां पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। वे अपने पुराने भक्त एमएम मिठाईवाला के मालिक मनमोहन गुप्ता के कारण भी चर्चा में आई। मोहन लाल ने उन पर बंगला हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया था। पुलिस में शिकायत दी गई, जिसकी जांच जारी है। अभी हाल ही में वे जूते पहनकर हरकी पैड़ी पर गंगा पूजा करने आ गईं।