10 फीसदी आरक्षण के लिए सरकार बढ़ाएगी 25 फीसदी नई सीटें : जावड़ेकर
देश के उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण 2019 के शिक्षण सत्र से ही दे दिया जाएगा। इसके लिए सरकार हर संस्थान में 25 फीसदी नई सीटें बढ़ाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंगलवार को इस बात की घोषणा कर दी। मंत्रालय के मुताबिक, यह व्यवस्था आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों पर भी लागू होगी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बताया कि यह निर्णय एक बैठक में आपसी चर्चा के बाद लिया गया, जिसमें मंत्रालय के अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अधिकारियों ने भी शिरकत की। जावड़ेकर के मुताबिक, 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था 2019-2020 शिक्षण सत्र से खुद ही लागू हो जाएगी। आरक्षण के चलते अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य श्रेणियों की हिस्सेदारी प्रभावित होने से बचाने के लिए करीब 25 फीसदी नई सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
एक सप्ताह में आएगी सीटों की वास्तविक संख्या
जावड़ेकर ने फिलहाल नई जुड़ने वाली सीटों की संख्या बताने से इनकार कर दिया। लेकिन उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर बढ़ने वाली सीटों की वास्तविक संख्या बता दी जाएगी। साथ ही सीट बढ़ोतरी का तरीका भी तय कर लिया जाएगा। इसके अलावा आरक्षण लागू करने के लिए संचालन नियम भी जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। जावड़ेकर ने कहा, विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से भी इस आरक्षण का जिक्र अपनी विवरण पुस्तिका (प्रॉस्पेक्टस) में करने के लिए कहा जाएगा। साथ ही उन्हें इसके हिसाब से आवश्यक ढांचागत तैयारियां भी करने के निर्देश दिए जाएंगे। जावड़ेकर ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय भी अपने यहां यह आरक्षण लागू करने के लिए तैयार हैं।
क्या है 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण
सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के युवाओं को नौकरियाें और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी की है। संविधान में 124वें संशोधन के जरिए आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले इस आरक्षण को 8 जनवरी को लोकसभा और 9 जनवरी को राज्यसभा ने मंजूरी दे दी थी। यह आरक्षण एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग के युवाओं को मिलने वाले 49.5 फीसदी आरक्षण के अतिरिक्त दिए जाने का प्रस्ताव है।