आलोक नाथ को रेप केस में मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा- ‘गलत तरीके से फंसाया गया हो सकता है’

#MeToo मूवमेंट के जरिए डायरेक्टर और राइटर विंता नंदा के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे कलाकार आलोक नाथ को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। विंता नंदा द्वारा लगाए गए आरोपों को मुंबई के सेशन कोर्ट ने गलत बताया है। कोर्ट के इस बयान से आलोक नाथ की मुश्किलें थोड़ी कम हो की संभावना हैं।आलोक नाथ को रेप केस में मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा- 'गलत तरीके से फंसाया गया हो सकता है'

मुंबई के दिंडोशी सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत देने वाले 15 पेज के आदेश में कहा है कि इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपी को गलत तरीके से पेश करके आलोक नाथ को फंसाया गया है। कोर्ट मे अपने आदेश में आगे कहा कि यह बात ध्यान देने वाली है कि विंता नंदा को अपने साथ हुई पूरी घटना अच्छे से याद है लेकिन यह घटना किस महीने और किस तारीख को घटी यह क्यों याद नहीं है।

इस बात का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि यह संभावना हो सकती है कि आरोपी को गलत तरीके से पेश किया गया हो। घटना के 20 साल बाद एफआईआर दर्ज करवाने पर कोर्ट ने कहा कि सेक्शन 376 (रेप) और 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध) के लिए केस दर्ज कराने की कोई समय-सीमा नहीं है, लेकिन विंता नंदा के मामले में ऐसे भी कोई रिकॉर्ड नहीं हैं जो साबित कर सके कि आरोपी आलोक नाथ ने नंदा को केस दर्ज ना कराने को लेकर धमकाया हो। 

पता हो कि आलोक नाथ पर #MeToo मूवमेंट के जरिए राइटर और डायरेक्टर विनता नंदा ने बलात्कार का आरोप लगाया था। बता दें 21 नवंबर को पुलिस ने एक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इससे पहले ये भी खबर आई थी कि समन से संबंधित लेटर लेकर जब उनके घर पुलिसकर्मी पहुंचे तो वहां कोई नहीं मिला थे।

विंता नंदा ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए लिखा कि ‘एक बार मैं आलोक नाथ के घर पर हुई पार्टी में शामिल हुई। वहां से देर रात दो बजे के करीब घर जाने के लिए निकली। ड्रिंक में कुछ मिलाया और फिर उनके साथ बलात्कार किया। बता दें कि, आलोक नाथ विनता नंदा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों से साफ इनकार कर चुके हैं। 

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