जन धन खातों में रकम जमा करने में यूपी नंबर वन

नोटबंदी के फैसले के बाद जन धन खातों में रकम जमा करने की बाढ़ आ गई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस आशय की घोषणा के महज 8 दिन बाद तक जन धन के करीब 25 करोड़ खातों में 18,616 करोड़ रुपये जमा हो गए थे। नोटबंदी की घोषणा से पूर्व जन धन खातों में 45,636 करोड़ रुपये जमा थे। यह रकम 16 नवंबर को बढ़ कर 64,252 करोड़ तक पहुंच गई।%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%a7%e0%a4%a8-%e0%a4%96%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%9c%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8
 
खास बात यह है कि जिन राज्यों के जन धन खातों में सर्वाधिक रकम जमा हुई है उसमें उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। उत्तर प्रदेश के 3.79 करोड़ खातों में 16 नवंबर तक 10,670 करोड़ रुपये जमा हो गए थे। दूसरे पायदान पर पश्चिम बंगाल है। यहां के 2.44 करोड़ खातों में 7,826 करोड़ रुपये जमा हो चुके थे।

राजस्थान के 1.89 करोड़ खातों में 5,345 करोड़, जबकि बिहार के 2.62 करोड़ खातों में 4,913 करोड़ जमा हो चुके थे। खास बात यह है कि नोटबंदी के फैसले से पहले जिन 23 फीसदी खातों में कोई रकम जमा नहीं थी, उन खातों में भी हजारों करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।

वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में लिखित जवाब में इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के पास फिलहाल 16 नवंबर तक के ही आंकड़े हैं। गौरतलब है कि जन धन खातों के माध्यम से काला धन खपाने की हो रही कोशिशों से सतर्क सरकार ने नोटबंदी के फैसले के बाद ऐसे खाताधारकों को किसी लालच में नहीं फंसने के लिए बार-बार आगाह किया है।

चूंकि जन धन का खाता गरीबों का है, ऐसे में इनके खातों में जमा बड़ी रकम के कारण सरकार को कड़ी कार्रवाई से पीछे हटने पर विचार करना पड़ा है। 

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