यूरोपीय संघ ने हजारों राजनयिक संदेशों की हैकिंग मामले की जांच शुरू की
यूरोपीय संघ ने संदिग्ध चीनी सैन्य हैकर्स द्वारा हजारों संवेदनशील राजनयिक संदेशों की हैकिंग के तत्काल बाद मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी ‘एरिया1 सिक्योरिटी’ ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक इकाई ने सरकारी आदेशों पर अमल करते हुए यूरोपीय संघ द्वारा अपनी विदेशी नीति के समन्वय के लिए उपयोग किए जाने वाले एक सुरक्षित संचार नेटवर्क में सेंध लगाई।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कुछ संदेश प्रकाशित किए हैं जो दुनियाभर में यूरोपीय संघ के राजनयिक मिशनों से भेजे गए हैं। इन संदेशों में चीन, रूस और ईरान की गतिविधियों को लेकर चिंता प्रकट करने के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर भी चिंता जाहिर की गई है। यह वाकया 2010 में विकीलीक्स द्वारा अमेरिकी विदेश विभाग के तमाम संदेशों को सार्वजनिक किए जाने की घटना याद दिलाती है। हालांकि यूरोपीय संघ का मामला उसके मुकाबले बहुत छोटा है और इसमें उससे कम गोपनीय संदेश शामिल हैं।
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दस्तावेजों का आकलन करने में सक्षम एरिया 1 ने कहा कि हमलों में यूरोपीय संघ, अमेरिका और अमेरिका के एएफएल-सीआईओ मजदूर संघ को निशाना बनाया गया था। ईयू के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है।