तो इसलिए पंजाब राज्य का नाम पंजाब रखा गया : जानें नामकरण का रोचक कारण
भारत एक विशाल देश है. भारत में बहुत सारे राज्य है। हर राज्य का अपना -अपना अनोखा महत्व है। पंजाब में रहने वाले लोग परिक्षम और साहस के पुतले हैं। यहां का इतिहास बताता है के मुश्किल समयों में यहां के लोगों ने देश , जाति और धर्म की रक्षा के लिए बहुत सारे बलिदान दिए हैं।
पंजाब में पांच नदियां बहती हैं इसीलिए इसका नाम पंजाब रखा गया। पंजाब फ़ारसी भाषा के दो शब्दों पंज और आब से मिलकर बना है जिसका अर्थ पांच दरिया। पांच दरिया हैं सतलुज , बियास , रावी , जेहलम और चनाब। रिगवैदिक काल में पंजाब (Punjab) को सप्त सिन्धु के नाम से पुकारा जाता था। माना जाता है के सबसे पहले पंजाब पर सिकंदर ने आक्रमण किया था और बाद में इसे मुगलों के अनेक हमलों का सामना करना पड़ा।
पंजाब (Punjab) को पवित्र गुरुओं का स्थान माना जाता है यहां पर सिख गुरुओं ने जन्म लिया यहां पर गुरुओं ने धार्मिक उपदेश और अनेक बलिदान दिए। जिस कारण इस स्थान को पवित्र स्थान माना जाता है। इसके इलावा यहां पर महान देशभक्तों ने जन्म लिया जैसे लाला लाजपत राय , शहीद भगत सिंह , शहीद उधम सिंह , करतार सिंह सराभा जैसे और भी महान शूरवीरों ने जन्म लिया।
इसके इलावा पंजाब की संस्कृति भी बड़ी रोचक है यहां के लोगों को ज्ञान , संगीत ,कला और और साहित्य से बड़ा लगाब है। इसके इलावा पंजाब का भांगड़ा नृत्य पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है और पंजाबी युवतियों का मस्ती भरा गिद्दा और बोलियां बड़ी ही देखने योग्य होती हैं।
पंजाब के लोगों का मुख्य रोजगार खेती है। यहां पर बड़ी मात्रा में गेहूं और चावल की खेती की जाती है। पंजाब में पंजाबी भाषा बोली जाती है। भारतीय पंजाब में गुरुमुखी लिपि का प्रयोग किया जाता है वहीँ पाकिस्तानी पंजाब में शाहमुखी लिपि का प्रयोग किया जाता है।
इसीलिए इस लेख में पंजाब राज्य की विशेषताओं का वर्णन करना कोई आसान काम नहीं है यहां के लोगों ने तन ,मन और धन से अपने देश की खूब सेवा की है यहां के गुरुओं का बलिदान , तथा भगत सिंह जैसे और भी कितने शूरवीरों की कुर्बानियां को कैसे भुलाया जा सकता है।