हवा जहरीली होने से दिल्ली-NCR में सांस लेना हुआ दूभर, नहीं संभले तो आगे और खराब होंगे हालात
राजधानी में चल रहे निर्माण, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटना और भारी तादाद में वाहनों के आवागमन से प्रदूषित होकर दिल्ली की हवा जहरीली हो गई। पंजाबी बाग, आनंद विहार, द्वारका सेक्टर-8, नरेला और रोहिणी में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 400 से अधिक पहुंच गया है, जिसे जानलेवा माना गया है। रोहिणी में पीएम 2.5 भी 400 से अधिक रिकॉर्ड किया गया। अगले दो दिनों में हवा में पीएम-10 और पीएम-2.5 के स्तर में और बढ़ोतरी होने से प्रदूषण और भी बढ़ेगा। अगर हालात जल्द काबू नहीं किए जा सके तो इसका असर लोगों की दिनचर्या पर पड़ेगा। हो सकता है सरकार को समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाना पड़े।
बढ़ते प्रदूषण के कारण आंखों में जलन और सड़कों पर सफर के दौरान खांसी से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। अगले कुछ दिनों के दौरान हवा की गुणवत्ता और खराब होने की आशंका जताई गई है। शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 341 रही। जबकि एक दिन पहले सूचकांक इस सीजन के सर्वाधिक (361)के स्तर पर था। पंजाबी बाग में सूचकांक सर्वाधिक 434 था।
सीपीसीबी ने कीं यह सिफारिशें
-10 नवंबर तक निजी वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें।
– सुबह और शाम के वक्त सैर करने से भी बचें।
– 4 से 10 नवंबर के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्रैफिक जाम न लगे, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई हो।
– बिजली आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने की अपील, ताकि डीजी सेट्स के संचालन की जरूरत न हो।
-1-10 नवंबर के दौरान दिल्ली में सभी निर्माण गतिविधियां रोकी जाएं।





