अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की मैराथन बैठक, कैबिनेट में फेरबदल व नेताओं के भविष्य पर होगा फैसला

योगी कैबिनेट में फेरबदल, डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया की सक्रियता और लोकसभा चुनाव की चुनौतियों के बीच भाजपा की आज बुधवार को लखनऊ में एक मैराथन बैठक हो रही है। जिसमें हिस्सा लेने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ पहुंच चुके हैं।अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की मैराथन बैठक, कैबिनेट में फेरबदल व नेताओं के भविष्य पर होगा फैसला

राजधानी के एक रिसॉर्ट में प्रस्तावित इस मंथन में संघ परिवार के सभी प्रमुख संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय और केंद्रीय पदाधिकारी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा मौजूद रहेंगे। बैठक के बाद भाजपा के सत्ता और संगठन में कई बदलाव नजर आ सकते हैं। मंत्रिमंडल से कुछ सदस्यों को हटाने तथा कुछ को शामिल करने पर भी मुहर लगने के संकेत हैं।

संघ परिवार के सूत्र इस मंथन को बहुत महत्वपूर्ण बता रहे हैं। इनका कहना है कि सत्ता और संगठन की इस समन्वय बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर रणनीति बननी है। मौजूदा और निकट भविष्य में होने वाले घटनाक्रमों पर भी बातचीत होगी।

वैसे तो यह प्रदेश की समन्वय बैठक है। इसके बावजूद कई कारणों से इस बैठक के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति और सामाजिक समीकरणों पर प्रभाव डालने वाले होंगे। दरअसल, अगला वर्ष प्रदेश के लिए ही नहीं, देश की राजनीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कई घटनाक्रमों का केंद्र उत्तर प्रदेश रहने वाला है।

यह है वजह

एक तो इसी महीने सर्वोच्च न्यायालय श्रीराम जन्मभूमि मुद्दे पर सुनवाई शुरू करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस बार की सुनवाई निर्णायक होगी। पिछले लगभग चार दशकों से अयोध्या आंदोलन देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डालता रहा है।

कोर्ट की सुनवाई का सीधा असर प्रदेश के सियासी वातावरण पर भी पड़ेगा। पिछले दिनों आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने केंद्र सरकार को कानून बनाकर श्रीराम मंदिर निर्माण का रास्ता निकालने का सुझाव देकर और संतों की उच्चाधिकार समिति ने भी इसी तरह की बात कहकर सरकार से निर्णायक कदम की उम्मीद की है।

इससे जाहिर है कि बैठक में यह विषय प्रमुखता से उठेगा। केंद्र और प्रदेश में दोनों ही जगह भाजपा की सरकार होने के नाते इनकी भूमिका का खाका भी खींचा जाएगा।

भाजपा और संघ पर है दबाव

विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए गए डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया और भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने मंदिर पर अलग-अलग तरीके से भाजपा तथा संघ के लोगों को घेरना शुरू कर दिया है। इससे भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे संतों पर भी दबाव बढ़ रहा है।

अगले वर्ष के प्रारंभ में प्रयागराज में होने जा रहे कुंभ में 31 जनवरी और 1 फरवरी को धर्मसंसद की बैठक में भी यह मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा। इस नाते भी भाजपा और संघ के सामने इस मुद्दे पर स्पष्ट भूमिका तय करने का दबाव है।

इन मुद्दों पर भी होगी बात

संघ की इच्छा कुंभ के आयोजन को अविस्मरणीय और अभूतपूर्व बनाने की है। इस बारे में अब तक हुए काम और आगे होने वाले कामों के साथ-साथ उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा संभावित है जिससे इस आयोजन को और भव्य बनाया जा सकता है।

इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने के बाद फैजाबाद का नाम अयोध्या करने की मांग उठ रही है। इसके अलावा अयोध्या में इस बार भी भव्य दीपोत्सव मनाने की तैयारी है। कई पदों पर नियुक्तियों के अलावा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार से उम्मीदों पर भी बातचीत प्रस्तावित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button