सऊदी अरब ने स्वीकारा इस्तांबुल स्थित वाणिज्यिक दूतावास में हुई पत्रकार खशोगी की हत्या

रियाद। आखिरकार सऊदी अरब ने ये मान लिया कि लापता पत्रकार जमाल खशोगी की मौत हो चुकी है। सऊदी अरब ने चारों ओर से बढ़ रहे दबाव के लगभग दो हफ्ते बाद इस बात का स्वीकार किया है। हालांकि सऊदी अटॉनी जनरल के अनुसार, जांच अभी शुरुआती दौर में है।
सऊदी अरब के अटॉर्नी जनरल के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि खशोगी की सऊदी अरब के इस्तांबुल स्थित वाणिज्यिक दूतावास में एक झड़प के दौरान मौत हो गई। हालांकि अभी जांच चल रही है। इस मामले में सऊदी अरब के 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही उप-खुफिया प्रमुख अहमद अल असीरी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कानूनी सलाकार अल कथानी को बर्खास्त कर दिया गया है।
गौरतलब है जमाल हाल ही में सऊदी के वाणिज्य दूतावास गए थे, जिसके बाद वह गायब हो गए। वह अपनी तुर्की की मंगेतर से शादी करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें कागजी कार्रवाई करनी थी, जिसको लेकर वह 28 सितंबर को तुर्की में स्थित सऊदी दूतावास गए। दूतावास की तरफ से उन्हें दोबारा दो अक्टूबर को बुलाया गया था। दो अक्टूबर को वह अपनी मंगेतर के साथ दूतावास पहुंचे थे। लेकिन मंगेतर दूतावास के बाहर उनका इंतजार करती रही वह दूतावास से बाहर ही नहीं निकले। इसको लेकर सऊदी और तुर्की दोनों में तनाव बढ़ गया है। तुर्की अधिकारियों का आरोप है कि सऊदी ने दूतावास में ही जमाल को मार दिया है। उन्होंने अपने पास कुछ विडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग होने का दावा भी किया है। वहीं सऊदी अरब ने इसमें किसी तरह का हाथ होने का खंडन किया है।
तुर्की मीडिया के मुताबिक इस्तांबुल स्थित रियाद के वाणिज्य दूतावास के भीतर सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या से पहले उन्हें यातना दी गई। अखबार ने कहा कि उसने इससे संबंधित ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनी है। येनी सफाक अखबार ने दावा किया है कि दूतावास में खाशोगी से पूछताछ के दौरान उनकी अंगुलियां काट दी गईं।