जवाहरपुर परियोजना की सरिया चोरी मामले पर एमडी पांडियन सख्त, US Gupta पर की बड़ी कार्यवाई
लखनऊ : जवाहरपुर तापीय बिजली परियोजना में निर्माण सामाग्री की लूट और इसमें सीधे शामिल रहने वाले महाप्रबंधक यूएस गुप्ता पर एक बार और गाज गिरी है. पहले जवाहरपुर से हटाए गए यूएस गुप्ता को मुख्यालय में महत्व के पद पर बैठाया गया था पर अब जैसे जांच आगे बढ़ रही है उसकी करतूतें सामने आ रही हैं तो बिजली उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक सेंथिल पांडियन कड़क रुख अपना रहे हैं.
एटा जिले के जवाहरपुर तापीय परियोजना के “चर्चित सरिया चोरी” प्रकरण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाये जाने के बाद आख़िरकार सरगना US Gupta पर ऊर्जा विभाग के नए प्रबंध निदेशक का हंटर चल ही गया. एमडी पांडियन ने गुप्ता को झाँसी स्थित पारीछा परियोजना के परियोजना प्रबंधक के साथ अटैच कर दिया. इसके पहले गुप्ता को विभाग के जिम्मेदारों ने मामले की लीपापोती करते हुए एटा से हटाकर मुख्यालय पर तैनात कर दिया था.
एक आदेश जारी कर एमडी पांडियन ने घोटाले के आरोपी यूएस गुप्ता को झांसी में परीछा बिजली परियोजना के महाप्रबंधक के साथ अटैच कर दिया है. यानी अब सरकारी माल की लूट करने वाला यूएस गुप्ता अपने ही समकक्ष एक अधिकारी के मातहत कर दिया गया. परीछा का महाप्रबंधक भी चीफ इंजीनियर स्तर का अधिकारी होता है जबकि यूएस गुप्ता भी चीफ इंजीनियर ही है.
प्रबन्ध निदेशक सैंथिल पांडियन का कहना है कि जवाहरपुर में जैसे-जैसे सरकारी धन के लूट की जांच और आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे यूएस गुप्ता सहित अन्य पर और उचित विभागीय कारवाई की जायेगी, साथ ही भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी उचित कार्यवाई करते हुए दोषियों पर शिकंजा कसा जाएगा.
बताते चलें कि इसके पहले बिजली विभाग के जिम्मेदारानों ने गुप्ता की तैनाती को लेकर प्रबंध निदेशक को गुमराह करने की कोशिश भी किया था. लेकिन अपनी छवि और कार्यशैली के अनुरूप जिस तरह से प्रबंध निदेशक द्वारा गुप्ता पर जिला प्रशासन की प्रथम रिपोर्ट पर विभागीय कार्यवाही की गयी है उससे अब इस पूरे प्रकरण में विभाग द्वारा न्याय की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि जिस तरह से मामले की लीपापोती करते हुए US Gupta को जवाहरपुर से हटाकर निदेशालय में “मुख्य अभियंता प्रगति ईकाई” के पद पर तैनाती दी गयी जबकि मूलतः वह पद है ही नहीं, और इस पूरे मसले पर प्रबंध निदेशक को काल्पनिक डर दिखा भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी यह भी किसी दोष से कम नहीं है और प्रबंधन को ऐसे लोगों को भी पहचान कर कार्यवाही करनी चाहिए.
साभार
अफसरनामा डाट काम
प्रकरण के डिटेल के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :—-
http://www.afsarnama.com/?p=2442
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