800 रुपए में काम करते-करते बॉलीवुड के महानायक की ऐसे बदली किस्मत…

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को अपने करियर के शुरुआती दिनों में वह दिन भी देखना पड़ा था, जब उनकी आवाज को आकाशवाणी ने नकार दिया था।800 रुपए में काम करते-करते बॉलीवुड के महानायक की ऐसे बदली किस्मत...

करियर के शुरुआती दिनों में अमिताभ बच्चन ने ‘आकाशवाणी’ में भी आवेदन किया लेकिन वहां काम करने का अवसर नहीं मिला। यहां तक कि फिल्म ..रेशमा और ‘शेरा’ में अपनी अच्छी आवाज के बावजूद उन्हें मूक भूमिका भी स्वीकार करनी पड़ी।

11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत कोलकत्ता में बतौर सुपरवाइजर की जहां उन्हें 800 रुपये मासिक वेतन मिला करता था। वर्ष 1968 में कलकत्ता की नौकरी छोड़ने के बाद मुंबई आ गये। बचपन से ही अमिताभ बच्चन का झुकाव अभिनय की ओर था और दिलीप कुमार से प्रभावित रहने के कारण वह उन्हीं की तरह अभिनेता बनना चाहते थे।

1969 में अमिताभ बच्चन को पहली बार ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म सात हिंदुस्तानी में काम करने का मौका मिला। लेकिन इस फिल्म के असफल होने के कारण वह दर्शकों के बीच कुछ खास पहचान नहीं बना पाये। वर्ष 1971 में अमिताभ बच्चन को राजेश खन्ना के साथ फिल्म आनंद में काम करने का मौका मिला। राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार के रहते हुये भी अमिताभ बच्चन दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। इस फिल्म के लिये उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।

निमार्ता प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ अमिताभ बच्चन के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेता अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन को काम करने का मौका सौभाग्य से ही मिला। साल 1973 मे निमार्ता-निदेर्शक प्रकाश मेहरा अपनी जंजीर फिल्म के लिये अभिनेता की तलाश कर रहे थे। पहले तो उन्होंने इस फिल्म के लिये देवानंद से गुजारिश की और बाद में अभिनेता राजकुमार से काम करने की पेशकश की लेकिन किसी कारणवश दोनों अभिनेताओं ने जंजीर में काम करने से इंकार कर दिया।

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