पीएम मोदी के इस एक इशारे से, चीन और मसूद अजहर दोनों चित

नई दिल्ली। भारत ने एक तीर से तीन निशाने लगाए हैं। तीन दिवसीय दौरे पर भारत आए न्यूजीलैण्‍ड के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी एनएसजी में भारत को स्थायी सदस्यता दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश करेगा। पीएम मोदी के इस एक इशारे से, चीन और मसूद अजहर दोनों चित

साथ ही न्यूजीलैण्‍ड ने आतंक को दुनिया के लिए खतरा मानते हुए भारत का साथ देने की बात कही है। न्यूजीलैण्ड के इस रुख से जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और उसे बचाने वाले चीन की मुश्किल बढ़नी तय मानी जा रही हैं। आतंकवाद और एनएसजी पर न्यूजीलैण्‍ड के इस रुख का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया है।

न्यूजीलैण्‍ड के पीएम जॉन की ने कहा है कि उनका देश एनएसजी में भारत को स्थायी दावेदारी दिलाने के हक में है और इसके लिए माहौल बनाएगा।

न्यूजीलैण्‍ड ने चीन, आयरलैण्‍ड और ऑस्ट्रिया के साथ इस ग्रुप में उन देशों के शामिल किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं, जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि पर साइन नहीं किए हैं। भारत ने भी इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसी वजह से एनएसजी में उसकी स्थायी सदस्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

नवंबर में विएना में एनएसजी ग्रुप का सम्मेलन हो सकता है। ऐसे में न्यूजीलैण्‍ड के इस सवाल का जवाब देना चीन के लिए मुश्किल पड़ सकता है। यही वो बात है, जिसके आधार पर भारत को भी इस ग्रुप में ताकतवर एंट्री मिल सकती है।

इसके साथ ही न्यूजीलैण्‍ड के पीएम के आतंकविरोधी बयान के बाद चीन और आतंकी मसूद अजहर की मुश्किल बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, चीन ने मसूद अजहर को यूएन की प्रतिबंधित आतंकियों की लिस्ट में शामिल करने पर दिसंबर तक रोक लगा दी है।

न्यूजीलैण्‍ड यूएन की ओर से आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने वाली कमेटी का चेयरमैन है। अब न्यूजीलैण्‍ड के पीएम के आतंकविरोधी रुख से लग रहा है कि मसूद अजहर पर इंटरनेशनल आतंकी का ठप्पा जल्द ही लग जाएगा।

न्यूजीलैण्‍ड के पीएम जॉन की से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि न्यूजीलैंड के पीएम के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर सार्थक बातचीत हुई। आतंक के खिलाफ दोनों देशों का मत एक है। हम मिलजुल कर आगे बढ़ेंगे साथ ही साइबर खतरों से निपटना भी प्राथमिकता रहेगी। दुनिया की सुरक्षा के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। आतंक के खिलाफ लड़ाई में न्यूजीलैंड हमारे साथ खड़ा है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘फू़ड प्रासेसिंग, डेयरी उद्योग और कृषि के क्षेत्र में दोनों देशों में विकास की अपार संभावनाएं हैं।’ ‘दोनों देशों ने बेहतर आर्थिक संबंधों को बनाए जाने पर बल दिया है।’ वहीं, न्यूजीलैंड के पीएम ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश और पुख्ता तरीके से काम करेंगे। व्यापार हो या क्रिकेट न्यूजीलैंड और भारत का रिश्ता मजबूत है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button