उत्तराखंड के खुले में शौच मुक्त होने का दावा झूठा, तीर्थनगरी ऋषिकेश दे रही इसकी गवाही, कैग ने भी उठाए थे सवाल
केन्द्र और राज्य सरकारें भले ही शौचालयों और स्वच्छता पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही हों लेकिन खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी है। ऋषिकेश में आज भी दर्जन भर ऐसी बस्तियां है जहां पर लोग खुले में गंगा किनारे शौच करने को मजबूर हैं।