Pakistan धीरे-धीरे हो रहा गरीब, इमरान खान ने बुलाई अहम बैठक
लाहौर ।। Pakistan में चीन कराची से पेशावर (अरब सागर से हिंदुकुश पर्वत तक) तक 8.2 बिलियन डॉलर (59 हजार करोड़ रु.) की लागत से रेलवे लाइन बना रहा है। यह रेल लाइन वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) प्रोजेक्ट के तहत ही बनाई जा रही है। लेकिन रेल लाइन बनने में खासी देरी हो रही है। अब Pakistan को कर्ज के जाल में फंसने का डर सता रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान प्रोजेक्ट की समीक्षा की बात कह चुके हैं। अफसरों का कहना है कि प्रोजेक्ट की डील बेहद खराब तरीके से हुई।
इमरान खान कई बार विदेशी कर्ज से देश को छुटकारा दिलाने की बात कह चुके हैं। पाक के योजना मंत्री खुसरो बख्तियार के मुताबिक, “हमारी सरकार ऐसा मॉडल विकसित करना चाहती है जिसमें देश को किसी भी तरह का जोखिम न हो।”
उधर चीन ने श्रीलंका, मलेशिया और मालदीव में भी जमकर निवेश किया हुआ है। मालदीव में नई सरकार बनी है। चीन को चिंता है कि मालदीव की नई सरकार किस तरह के रिश्ते रखेगी। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है।
Pakistan के अफसरों के मुताबिक, ओबीओआर के तहत की गई काफी खर्चीली है और इसमें चीन को जरूरत से ज्यादा तरजीह दी गई है। इमरान प्रोजेक्ट की समीक्षा करना चाहते हैं। लेकिन परेशानी यह है कि चीन केवल उन्हीं प्रोजेक्ट्स का रिव्यू करने पर राजी है जो अभी शुरू नहीं हुए।
चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि दोनों (चीन-पाक) देश ओबीओआर को लेकर प्रतिबद्ध हैं। कई प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक शुरू हो चुके हैं। जिनमें काम चल रहा है वे भी जल्द ही पूरे हो जाएंगे।
पाक अफसर चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) की लागत बढ़ने से चिंता में हैं। चीन 4 लाख करोड़ रुपए का फंड दे चुका है। पाक चाहता है कि प्रोजेक्ट जल्द शुरू हो ताकि चुनाव में किया सामाजिक विकास का दावा पूरा हो सके।
पाक में चीन के राजदूत याओ जिंग का कहना है- हम नई सरकार द्वारा सुझाए बदलावों को करने के लिए तैयार हैं। यह भविष्य का मॉडल है लिहाजा ओबीओआर में आपसी सहमति जरूरी है। हम केवल उन्हीं परियोजनाओं के साथ आगे बढ़ेंगे जो पाक चाहता है।
उधर, पाक की आर्थिक हालत खस्ता है। अमेरिका ने भी सहायता राशि में कटौती का ऐलान किया है। पाक के चीन की तरफ झुकाव पर एक मंत्री ने कहा कि हमारी सीमाएं तय कर दी गई हैं। कोई और देश हमारे यहां निवेश नहीं कर रहा। ऐसे में हम कर भी क्या सकते हैं?
1,872 किमी के कराची-पेशावर रेललाइन (मेनलाइन-1 या एमएल 1) को पाक की लाइफलाइन माना जा रहा है। वहीं पाक में एक तरफ यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है तो रेलवे खस्ताहाल बनता जा रहा है। कई रेल लाइनें बंद पड़ी हुई हैं।
इमरान चाहते हैं कि सीपीईसी परियोजना के तहत एमएल-1 का काम तेजी से पूरा हो जाए ताकि गरीबों को सफर करने में आसानी हो। पैसे की कमी के चलते पाक सीपीईसी परियोजनाओं के लिए अन्य वित्तीय विकल्पों की तलाश कर रहा है। उन्होंने सऊदी अरब और अन्य देशों को निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है।
पाक अफसरों की मानें तो एमएल-1 को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल के तहत बनाया जा रहा है जिसमें कई कंपनियां फाइनेंस कर सकती हैं। पाक में चीनी राजदूत का कहना है कि बीओटी से हमें कोई परेशानी नहीं है बल्कि इससे निवेश में मदद मिलेगी।
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