जानें श्राद्घ का महत्व आैर वैज्ञानिक एवम् आघ्यात्मिक पहलू

ऋद्घि विजय त्रिपाठी के अनुसार आश्विन कृष्णपक्ष प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। इसीलिए इस काल में पितरों के निमित्त पितृपक्ष होता है।
ऋद्घि विजय त्रिपाठी के अनुसार आश्विन कृष्णपक्ष प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। इसीलिए इस काल में पितरों के निमित्त पितृपक्ष होता है।