कानपुर के विवादित शेल्टर होम सुभाष चिल्ड्रेन से 3 बच्चे हुए लापता, जिला प्रशासन हैरान

कानपुर की विवादित एनजीओ सुभाष चिल्ड्रेन शेल्टर होम राजीव विहार, नौबस्ता से तीन बच्चे दस दिन से लापता हैं। संस्था ने न तो प्रशासन को इसकी सूचना दी और न ही पुलिस में रिपोर्ट लिखाई। एक अन्य बड़ी गड़बड़ी की जांच करने जब प्रशासन की टीम यहां पहुंची तो ये मामला सामने आया। दस दिन तक अफसर भी इस पर चुप्पी साधे बैठे रहे। 

चार साल से एक बच्चे को जबरन शेल्टर होम में रखने के मामला का अमर उजाला में खुलासा होने के बाद डीएम ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने 14 सिुतंबर को शेल्टर होम के निरीक्षण के दौरान रजिस्टर चेक किया तो तीन बच्चे कम मिले। पूछने पर शेल्टर होम संस्था के कर्ताधर्ता ने बताया कि बच्चे कहीं भाग गए हैं। इस बात को छुपाए रखने और रिपोर्ट तक नहीं लिखाए जाने के बावत जब सवाल किया गया तो टीम को बताया गया कि शेल्टर होम की अधीक्षिका ने नौबस्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। हालांकि नौबस्ता पुलिस इससे इनकार कर रही है। 

एसीएम प्रथम राजपति वर्मा, उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी श्रुति शुक्ला, जिला प्रबेशन अधिकारी कमलेश वर्मा की इस टीम ने विशेष दत्तकग्रहण इकाई और शेल्टर होम का दौरा किया। एसीएम प्रथम ने बताया कि विशेष दत्तक ग्रहण इकाई में छह साल तक के बच्चे रहने चाहिए। लेकिन वहां दस साल से ज्यादा उम्र के बच्चे मिले। इस भवन के एक हिस्से में शेल्टर होम में मां-बाप से बिछड़े और अपना पता न बता पाने वाले बच्चों को रखा जाता है।

इस मामले ग्रहण इकाई और शेल्टर होम की अधीक्षिका  अनीता तिवारी का कहना है कि ऐसे मामलों में पुलिस जल्द रिपोर्ट कहां दर्ज करती है। पहले 8-10 दिन पता लगाती है फिर भले ही रिपोर्ट लिख ले। वहीं जिलाधिकारी विजय विश्वासपंत ने कहा कि जिला प्रोबेशन अधिकारी से जल्द जांच रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। 

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