भारत बंद: एमपी-राजस्थान के कई जिले में अलर्ट, मध्य प्रदेश में पेट्रोल पंप बंद

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से लाये गये एससी/एसटी कानून को लेकर कुछ सवर्ण संगठनों की ओर से छह सितंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ के मद्देनजर देश के कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दी गई है. मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में धारा 144 लगा दी गई है. वहीं, राजस्थान के 10 जिले को अलर्ट पर रखा गया है. पूरे मध्यप्रदेश में गुरुवार को पेट्रोल पंप बंद रहेंगे.

मध्यप्रदेश में ज्यादा असर

मध्यप्रदेश के ग्वालियर सहित दो जिले में गुरुवार को स्कूल बंद हैं. वहीं, पूरे मध्यप्रदेश के पेट्रोल पंप मालिकों ने बंद का ऐलान किया है. सतना, भिंड, ग्वालियर और शिवपुरी जिले में धारा 144 लगा दी गई है. मध्यप्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने बताया कि भारत बंद के मद्देनजर प्रदेश के सभी 51 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं. शिवपुरी कलेक्टर शिल्पा गुप्ता, भिंड कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता और मुरैना कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जन सामान्य को जानमाल की रक्षा और लोक शांति बनाए रखने के लिए राजस्व जिले की सीमा के अंदर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है. जारी आदेश 4 सितम्बर से आगामी आदेश तक लागू रहेगा.

राजस्थान में अलर्ट

वहीं, राजस्थान में इस मुद्दे पर पहले तनाव देखा जा चुके है. इसे देखते हुए अलवर, गंगापुर सिटी, करौली और सीकर में अलग से पुलिस बल की तैनाती की गई है. वहीं, हिंडन, करौली, ललसोट, जोधपुर, उदयपुर, बारन, भरतपुर, जालौर, सयाला और धौलपुर में अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा उत्तर भारत के बाकी राज्यों में भी पुलिस को अलर्ट किया गया है.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट में संसोधन किए जाने के विरोध में सवर्ण समाज, करणी सेना, सपाक्स और अन्यों द्वारा छह सितंबर को ‘भारत बंद’ के आह्वान को मद्देनजर यह आदेश जारी किया गया है. इस बीच, ब्रह्म समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि एससी/ एसटी एक्ट के विरोध में 6 सितंबर को शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेगा.

एमपी में चल रहे हैं विरोध प्रदर्शन

गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से इस कानून के खिलाफ मध्यप्रदेश के कई स्थानों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं और मंत्रियों को काले झंडे भी दिखाये गये हैं. इसबीच, भिण्ड जिला प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर गुरुवार को जिले में स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है. वहीं, मध्यप्रदेश पट्रोल पम्प ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि कुछ संगठनों के बंद के आह्वान को देखते हुए हमनें सुरक्षा कारणों से पूरे प्रदेश में सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक पेट्रोल पम्प बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने बंद के आह्वान के चलते प्रदेश के सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं.

दलित संगठनों के बंद में हुई थी भारी हिंसा

6 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद को लेकर मध्यप्रदेश ही सबसे ज्यादा मुखर है. इसके अलावा राजस्थान, यूपी, बिहार में भी इसका असर दिख सकता है. कई सवर्ण संगठनों ने एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों की तर्ज पर ही भारत बंद बुलाया है. दलित संगठनों के बंद में पूरे उत्तर भारत में व्यापक हिंसा हुई थी और करोड़ों का नुकसान हुआ था. इसमें कई लोगों की जान भी गई थी जिनमें सबसे ज्यादा मृतक मध्यप्रदेश से थे. 6 सितंबर के भारत बंद के दौरान भी हिंसा का दौर चल सकता है, ऐसे में प्रदेश सरकारें खासतौर पर मध्यप्रदेश सरकार इसे लेकर विशेष तौर पर अलर्ट है. कई सवर्ण संगठन केंद्र सरकार के फैसले से नाराज हैं और इस मुद्दे पर बीजेपी का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं.

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