पूर्णिमा और चंद्रग्रहण के दिन ये राशि वाले भूल से भी न करें एक काम, वरना हो सकता हैं कुछ बुरा

आज 27 जुलाई को सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण और पूर्णिमा दोनों एक साथ हैं। यह एक राशि के लिए घातक है और इस दिन एक काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए। अगर करेंगे तो मुसीबत झेलेंगे।

104 साल बाद सदी का सबसे लंबा ग्रहण लगने जा रहा है। शनि मंदिर के शास्त्री पंडित उदयवीर ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा पर लगने वाला यह चंदग्रहण, खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह 3 घंटे 55 मिनट का होगा। अब तक का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण 1700 साल पहले पड़ा था। ग्रहण का सूतक दोपहर बाद 2.54 बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण रात 11.54 मिनट से सुबह 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। सूतक लगने के कारण शाम के समय मंदिर के कपाट नहीं खुलेंगे।
देवालय पूजक परिषद् के कोषाध्यक्ष और सेक्टर 18 स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी डॉ. लाल बहादुर दूबे के अनुसार, यह ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा और उत्तराषाढ़ नक्षत्र के अंतिम दो घटी एवं श्रवण नक्षत्र के आद में खग्रास चंद्रग्रहण होगा। उत्तराषाढ़ के चतुर्थ चरण में होने के कारण उत्तराषाढ़ के चतुर्थ चरण एवं श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण घातक है। विशेषकर मकर राशि के जातकों के लिए ग्रहण हानिकारक रहेगा। कुछ विशिष्ट व्यक्तियों एवं शासकों के लिए भी संघर्षमय स्थिति उत्पन्न करेगा।
खग्रास चंद्र ग्रहण के समय मकरस्थ चंद्र के साथ स्थित मंगल और केतु पर राहु, सूर्य और बुध की दृष्टि है। सूर्य राहु के साथ शनि का षडष्टक योग भी बन रहा है। 104 साल बाद ये संयोग बन रहा है। पंडित उदयवीर ने बताया कि मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि पर चंद्रग्रहण का अच्छा असर पड़ेगा। वहीं मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि पर ठीक प्रभाव नहीं रहेगा। इसके अलावा वृषभ, कर्क, धनु और कन्या पर चंद्रग्रहण का प्रभाव मिश्रित रहेगा।
दूसरी ओर, ग्रहण के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी है तो इस दिन मोटरसाइकिल दुर्घटना होने की आशंका अधिक रहती है। कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो और अमेरिका की प्रिंसेटन यूनिवर्सिटी के एक संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि ड्राइविंग के दौरान हलका सा भी ध्यान भटकना बड़े हादसे का कारण होता है। ऐसे में पूर्णिमा के कारण चांद अधिक बड़ा और रात को आसमान में अधिक चमकदार होता है। इसके चलते ड्राइवर में क्षणिक मनबहलाव यानी ध्यान भटकने की हल्की सी गुंजाइश भी सड़क हादसों को न्यौता देती है। मोटरसाइकिल सवार इससे अधिक प्रभावित होते हैं।
इसके लिए शोधार्थियों ने पूर्णिमा की रातों और साधारण रातों (पूर्णिमा के दिन और उसके एक हफ्ते के बाद वाले दिन) को होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या का आंकलन किया। जिसमें पाया गया कि साधारण रातों की तुलना में पूर्णिमा की रात हुई दुर्घटनाओं की संख्या अधिक थी। हिन्दू धर्म में माघ पूर्णिमा को बहुत खास माना जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई 2018 दिन शुक्रवार को पढ़ रही है और इसी दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से अमृत वर्षा करते हैं।
इस प्रकार होगा ग्रहण का स्पर्श और आदि काल
ग्रहण—————-समय
ग्रहण का स्पर्श——–23:54
खग्रास प्रारंभ———01:00
ग्रहण का मध्य काल—00:54
खग्रास समाप्त——–02:43
ग्रहण का मोक्ष काल—03:49
ग्रहण का पर्व काल—-03:55
ग्रहण—————-समय
ग्रहण का स्पर्श——–23:54
खग्रास प्रारंभ———01:00
ग्रहण का मध्य काल—00:54
खग्रास समाप्त——–02:43
ग्रहण का मोक्ष काल—03:49
ग्रहण का पर्व काल—-03:55
मेष- इस राशि के लिए सुख संपत्ति का लाभ होगा।
वृष- मान अपमान का योग है, सावधान रहिए।
मिथुन- शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक परेशानी होगी।
कर्क- पति पत्नी परेशान होंगे।
वृष- मान अपमान का योग है, सावधान रहिए।
मिथुन- शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक परेशानी होगी।
कर्क- पति पत्नी परेशान होंगे।
सिंह- सामान्य सुख का योग।
कन्या- मानसिक परेशानी होगी।
तुला- इस राशि वालों के लिए कष्टकारक होगा।
वृश्चिक- जन-धन का लाभ।
धनु- जन-धन की हानि।
कन्या- मानसिक परेशानी होगी।
तुला- इस राशि वालों के लिए कष्टकारक होगा।
वृश्चिक- जन-धन का लाभ।
धनु- जन-धन की हानि।
मकर- विशेष कष्टकर और घातक सरेग है। कुंभ- व्यापार नौकरी और विद्या की हानि। मीन- हर प्रकार से लाभ, सुख संपति की प्राप्ति।
मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण किसी राज योग से कम नहीं है। इनके लिए अत्यंत लाभकारी है। अन्य आठ राशि वालों के लिए कष्टदायक है। वृष मिथुन कर्क कन्या तुला धनु मकर और कुंभ राशियों के लिए यह खग्रास अशुभ है। स्नान, दान, जप आदि करना शुभ रहेगा।