भूल कर भी न चढ़ाएं भगवान् भोलेनाथ को यह 8 पूजन सामग्री – ऐसे बचें शिव कोप से

हमारे हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवताओ की पूजा की जाती है और साब्की अपनी अपनी प्रथाए हैं| सभी देवी देवताओ की पूजा अलग अलग ढंग से की जाती है लेकिन आज हम जिस देवता की बात करने जा रहे हैं वो हैं देवों के देव महादेव। कालों के भी काल महाकाल। अब तो आप समझ ही गये होंगे की हम शिव जी की बात कर रहे हैं जो की अपने भक्तो के ऊपर बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं| कुछ चूक हो जाए तो भाले के समान भी हैं। क्रोध के कारण रौद्र रूप भी धारण कर लेते हैं।

Do not offer this 8 worship items to Lord Bholenath

हमारे हिन्दू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता की पूजा की अलग-अलग पद्धतियां बताई गयी हैं। हर देवी देवता की पूजा में अलग-अलग सामग्री का उपयोग किया जाता है। कुछ सामग्री ऐसी होती हैं, जिनका प्रयोग करना उलटा परिणाम भी दे सकता है। ऐसा भगवान शिव के साथ भी है। सभी जानते हैं कि भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि प्रिय हैं, लेकिन यहां आज हम आपको ऐसी 8 सामग्री बताते हैं, जो भगवान शिव को अर्पित नहीं करनी चाहिए। आइये जानते है वो चीज़े कौन सी हैं|

1. शंख से जल:

सबसे पहली वास्तु है संख जो की शिव जी को नही चढ़ाना चाहिए कहा जाता है की भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा तो शंख से की जाती है लेकिन शिव की नहीं।

Do not offer this 8 worship items to Lord Bholenath

2.तुलसी:

दूसरा है तुलसी जिसके बारे में कहा जाता है की जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती। एक प्राचीन कथा के मुताबिक जलंधर नामक राक्षस से सब त्रस्त थे लेकिन उसकी हत्य नहीं हो सकती थी क्यों कि उसकी पतिव्रता पत्नी वृंदा के तप से उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता था। तब विष्णु ने छल से वृंदा के पति का वेष धारण किया और उसका धर्म भ्रष्ट कर दिया उधर भगवान शिव ने जलंधर का वध किया। तब पवित्र तुलसी ने स्वयं भगवान शिव को अपने स्वरूप से वंचित कर यह शाप दिया था कि आपकी पूजन सामग्री में मैं नहीं रहूंगी।

3.तिल:

तीसरा है टिल जोसके बारे में कहा जाता है की यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाता|

4.खंडित चावल:

भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा मिलता है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए कभी भी यह शिव जी को नहीं अर्पित करना चाहिए|

5.कुमकुम:

सिंदूर या कुमकुम विवाहित महिलाओं का गहना माना जाता है स्त्रियां अपने पति के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए सिंदूर लगाती हैं। इसके उलट महादेव त्रिदेवों में विनाशक हैं। लिहाजा सिंदूर से उनकी सेवा करना अशुभ माना जाता है। यह सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी कहे जाते हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता।

6.हल्दी:

गुणों की खान हल्दी का भले ही स्वास्थ्यवर्धक हो। सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता हो, लेकिन शिवलिंग पर कभी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, क्योंकि वह स्वयं शिव का रूप है, इसलिए हल्दी को निषेध किया गया है। हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ती है।

7.नारियल पानी:

महादेव को भले ही नारियल अर्पित किया जाता है, लेकिन कभी भी नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। आमतौर पर देवताओं को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण किया जाता है, लेकिन शिवलिंग पर जिन पदार्थों से का अभिषेक होता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जाता। इसलिए शिव जी पर नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

यह भी पढ़ें – खूनी दुल्हन: शादी के हफ्तेभर बाद ही कराया हस्बैंड का मर्डर, रची ऐसी खौफनाक साजिश

8.केतकी फूल:

केतकी का फूल को भगवान शिव ने क्यों त्याग दिया, इसका उत्तर शिवपुराण में बताया गया है। कहा जाता है इस फूल का विस्तार रक्छस के अंग से हुआ है इसलिए सको भगवान् शिव पसंद नही कार्य| और ये फूल कभी भी भगवान् भोलेनाथ को नही चढ़ाया जाता है|

 

Back to top button