फीफा वर्ल्ड कप में इन 5 टीमों पर टिकी होंगी फैंस की निगाहें


अर्जेंटीना के लिए विश्वकप नहीं जीत पाने की कसक लियोनेल मेसी को सताते रही। अब रूस में होने वाले इस महामुकाबले में उनके पास यह कलंक धोने का शायद आखिरी मौका होगा। अर्जेंटीना ने आखिरी बार 1986 में मेराडोना के दम पर ही विश्वकप जीता था। हालांकि 2014 में यह टीम फाइनल तक जरूर पहुंची थी, लेकिन जर्मनी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था।
सर्जेई एगुएरो, एंजेल डि मारिया, गोंजालो हिगुएन जोरदार फॉर्म में हैं। कोच सैमपाओली आक्रामक रणनीति के साथ उतरने का इरादा जाहिर कर चुके हैं। अग्रिम पंक्ति में गहराई है। निकोलस, मार्कोस रोजो और जेवियर के रूप में अर्जेंटीना की रक्षा पंक्ति भी मजबूत नजर आती है। इस बार अर्जेंटीना अपने 32 साल के सूखे को खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा देगा।
2010 के चैंपियन स्पेन की 2014 विश्वकप में आश्चर्यजनक विदाई हो गई थी। अब आंद्रे इनिएस्ता, सर्गियो रामोस जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी में स्पेन यह विश्वकप अपने नाम करने उतरेगा। गेरार्ड पिक एवं सर्गियो बुस्क्वेट्स का यह आखिरी विश्व कप भी हो सकता है। ऐसे में वे अपने अनुभव का इस्तेमाल करके स्पेन को खिताब तक पहुंचाना चाहेंगे। स्पेन का ग्रुप बी में सामना 2016 यूरो चैंपियन पुर्तगाल, मोरक्को और ईरान जैसी टीमों से होगा।
अगर ग्रुप सी की बात करें तो इस ग्रुप का मुकाबला काफी टक्कर का लगता है लेकिन इस ग्रुप की 4 टीमें आपस में एक दूसरे का खेल भी बिगाड़ सकती हैं। 1998 में विश्नकप अपने नाम करने वाली फ्रांस ने उस वक्त ब्राजील को 3-0 से रौंदा था। इसके बाद वह 2006 में फाइनल तक पहुंच पाया, लेकिन पेनाल्टी में इटली से मात खा बैठा।
इस साल फ्रांस की टीम में गहराई नजर आ रही है। पॉल पोग्बा इस टीम की मिडफील्ड की जान हैं। गोल के लिए माहौल बनाने में पॉल का अहम रोहल होता है। वहीं मौका पड़ने पर खुद भी गोल जमाने की क्षमता रखते हैं। वह आमतौर पर सेंटर मिडफील्डर की पोजिशन पर खेलते हैं और जरूरत पड़ने पर अटैकिंग मिडफील्डर की तरह भी खेलते हैं। ह्यूगो लॉरिस, अल्फॉन्स एरियोला इस टीम के स्टार खिलाड़ी हैं।
ब्राजील की टीम फीफा विश्व कप के इतिहास की सबसे सफल टीम है। वह अभी तक हुए विश्व कप के सभी संस्करणों में भाग लेने वाली दुनिया की इकलौती टीम है। उसने सबसे ज्यादा पांच बार विश्व कप खिताब जीतने में सफलता हासिल की है। पिछला विश्व कप ब्राजील की सरजमीं पर ही हुआ था और उसमें उसे चौथे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा था।
ब्राजील का आक्रमण विश्व कप में किसी भी टीम के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। मैदान पर नेमार, फिलिप कौटिन्हो, विलियन, कैसेमीरो, मार्सेर्लो, रोबर्टे फिर्मिनो और गेब्रियल जीसस की मौजूदगी किसी भी टीम के डिफेंस को भेदने में सक्षम है। कुल मिलाकर ब्राजील एक संतुलित टीम है।
चार बार फीफा वर्ल्ड कप जीतने वाली जर्मनी इस बार भी खिताब की प्रबल दावेदार है। यदि जर्मनी इस बार भी यह खिताब अपने नाम करती है तो वह ब्राजील के सर्वाधिक खिताब जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगा। जर्मनी 1954, 1974, 1990 और 2014 में फीफा वर्ल्ड कप जीत चुका है। जर्मनी को ग्रुप एफ में दक्षिण कोरिया, मैक्सिको और स्वीडन के साथ रखा गया है। इसे ग्रुप ऑफ डेथ भी कहा जा रहा है।
.
2014 में कोच जोकिम लो की निगरानी में विश्वकप जीतने वाली जर्मनी इस वक्त शानदार फॉर्म में हैं। पिछले साल रूस में हुए कंफेडरेशंस कप जीतकर जर्मनी ने इस विश्वकप के लिए भी अपनी दावेदारी ठोक दी थी। जर्मनी टीम के नए कप्तान टोनी क्रुस से उम्मीद होंगी। विश्वकप के महारथी स्ट्राइकर मीरोस्लाव क्लोसे, थॉमस मूलर, नील्स पीटरसन, अनुभवी गोलकीपर मैनुअल नूयेर टीम की जान हैं।