…तो इस वजह से अर्जुन रामपाल अपनी बेटियों को बॉलीवुड में नहीं भेजना चाहते

एक तरफ जहां स्टार किड्स बॉलीवुड डेब्यू के लिए कतार में खड़े हैं, वहीं दूसरी तरफ एक्टर अर्जुन रामपाल का कहना है कि वे अपनी बेटियों- माहिका (16) और मायरा (12) को हीरोइन बनते नहीं देखना चाहते। उन्हें डर है कि अगर उनकी बेटियां फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखेंगी तो उन्हें हालात से बहुत कॉम्प्रोमाइज करना पड़ेगा और आगे चलकर उन्हें अपना प्रोफेशन बुरा लगने लगेगा।
अर्जुन रामपाल ने कहा, ‘मैं अपनी बेटियों को इंडस्ट्री के लिए सिर्फ इसलिए तैयार नहीं करना चाहता कि उन्हें आगे चलकर यह एहसास हो कि वे अपना प्रोफेशन पसंद नहीं करतीं। अगर मेरे बच्चे इंडस्ट्री से बाहर कुछ करना चाहेंगे तो मैं उनका साथ दूंगा। अगर वे बॉलीवुड का हिस्सा बनना चाहेंगी, तो मेरे पास जितना अनुभव है मैं उसके आधार पर उन्हें गाइड करूंगा।’
एक्टर ने कहा कि उनकी बेटियों ने अभी तक करियर संबंधी फैसला नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘अगर वे फिल्मों में आना चाहेंगी तो मैं उन्हें बताउंगा कि यह प्रोफेशन उतना ग्लैमरस नहीं है जितना देखकर लगता है। ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि उन्हें भी इस बात का एहसास है क्योंकि उन्होंने यह देखा है।’ अर्जुन रामपाल चाहते हैं कि उनकी बेटियां वही काम करें जो उनका दिल कहता है।
फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) पर अर्जुन रामपाल का मानना है कि अगर कोई अपने काम में अच्छा नहीं है, तो कोई भी उस पर पैसे नहीं लगाएगा, भले ही वह फिल्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखता हो। उन्होंने कहा, ‘हां, कुछ लोगों को दूसरों के मुकाबले मौके आसानी से मिल जाते हैं। मगर आपका टैलेंट ही आपको दूर तक ले जाएगा।’
हाल ही में एक मशहूर स्किनकेयर ब्रांड ने अर्जुन रामपाल के साथ पांच सालों पुराना कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू ना करके रणवीर सिंह को अपना ब्रांड एंबेसडर चुना है। अर्जुन के पास फिलहाल तीन फिल्में हैं जिनमें से एक जेपी दत्ता की ‘पलटन’ है। आखिरी बार वह फिल्म ‘डैडी’ में नजर आए थे जिसे उन्होंने प्रोड्यूस भी किया है।