उत्तराखंड में ओलों से बर्बाद हो रही फसल, जारी रहेगा बारिश का दौर

देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों मौसम के मिजाज कुछ बदल-बदले से हैं। बादलों के बीच सूर्यदेव की लुका-छिपी जारी है, तो कई इलाकों में बादल बरस भी रहे हैं। वहीं, कुमाऊं व गढ़वाल के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश का दौर अभी जारी रहेगा। उत्तराखंड में ओलों से बर्बाद हो रही फसल, जारी रहेगा बारिश का दौर

रविवार को बदरीनाथ व केदारनाथ धाम की ऊंची चोटियों में हिमपात हुआ। जबकि दून सहित निचले इलाकों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। केदारनाथ धाम के कपाट रविवार को खुले तो मंदिर में ठहरे श्रद्धालुओं को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुमाऊं के कई इलाकों में ओवावृष्टि हुई। 

बारिश के कारण पहाड़ों से लेकर मैदान तक गर्मी से काफी राहत मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार अभी उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों व देहरादून शहर के कुछ इलाकों में गर्जन के साथ बारिश होने के आसार हैं। दून का अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 व 20 डिग्री रहने की संभावना है। 

किसानों को पड़ रही दो तरफा मार 

कुमाऊं के रानीखेत में मौसम की दो तरफा मार ने किसानों की कमर तोड़ के रख दी है। पहले सूखे की मार और फिर एकाएक तेज अंधड़ व ओलावृष्टि से किसानो को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। विकासखंड रामगढ़ व बेतालघाट के फल उत्पादक हरिनगर हरतोला तथा हली हरतपा गांव में बीती रात तेज अंधड़ व ओलावृष्टि से पूलम, खुमानी, आडू की उपज को काफी नुकसान हुआ है।

पेड़ों में लगे कच्चे फल टूट चुके हैं। जिस कारण काश्तकारो को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। फल उत्पादक पट्टी के करीब सौ से अधिक काश्तकारों को भारी नुकसान हुआ है। कई काश्तकारों के बगीचे भी तहस-नहस हो चुके हैं। फल उत्पादक गोधन बिष्ट, राम सिंह, रमेश चंद्र, नीरज सिंह, पूरन चंद्र पपना आदि लोगों ने शासन-प्रशासन से ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।

खेतों में सब्जी भी हुई तहस-नहस 

अंधड़ व ओलो ने फलो को ही नही, बल्कि सब्जी उत्पादक बेल्ट में भी कहर बरपाया। कोसी घाटी के ताड़ीखेत ब्लॉक के टूनाकोट, मंडलकोट, ऊणी गांव में बीन, टमाटर, फूलगोबी आदि नगदी फसल तहस नहस हो गई है। ग्राम प्रधान हीरा सिंह ने किसानो को हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग सरकार से की है।

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