88 करोड़ रुपये के हरित कोष से सुधारी जाएगी हवा की सेहत

दिल्ली सरकार भले ही हरित कोष के 961 करोड रुपये पर कुंडली मार कर बैठी हो, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण (सीपीसीबी) बोर्ड अपने खाते में जमा 88 करोड़ से दिल्ली की हवा सुधारने काम काम शुरू करने जा रहा है। इस दिशा में जन और संस्थागत भागीदारी जोड़ते हुए सीपीसीबी ने पहले चरण में 12 प्रस्तावों को अनुदान योग्य समझा गया है।

88 करोड़ रुपये के हरित कोष से सुधारी जाएगी हवा की सेहत

अगस्त, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दो हजार सीसी व इससे अधिक क्षमता वाले डीजल वाहनों की बिक्री में कुल कीमत पर अलग से एक प्रतिशत पर्यावरण उपकर वसूलने का आदेश दिया था। इससे अब तक कुल 88 करोड़ रुपये का पर्यावरण संरक्षण कर (एनवायरमेंट प्रोटेक्शन सेस, ईपीसी) सीपीसीबी के खाते में जमा हुआ है। इसी ईपीसी फंड के दृष्टिगत ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट’ के तहत सीपीसीबी को कुल 50 प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 30 विचार योग्य समझे गए। फिलहाल 14 प्रस्ताव काम करने योग्य समझे गए, जिनमें से 12 पर बृहस्पतिवार को प्रस्तावकर्ताओं से बात की गई। जल्द ही इन्हें अनुदान जारी किया जा सकता है। वहीं नौ प्रस्ताव केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को भेज दिए गए हैं जबकि सात प्रस्तावों की पुनर्समीक्षा की जा रही है।

ए. सुधाकर (सदस्य सचिव, सीपीसीबी) के मुताबिक, हरित कोष काफी है लेकिन संबंधित एजेंसियां खर्च नहीं करना चाहती। दिल्ली सरकार के पास ही 961 करोड़ रुपये का हरित कोष है, जिसे आबोहवा सुधारने में खर्च नहीं किया जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का भी स्पष्ट आदेश है कि इस फंड का उपयोग आबोहवा में सुधार के लिए ही किया जा सकता है। हमारी कोशिश इसी दिशा में आगे बढ़ने की है। 

कुछ प्रमुख प्रस्तावों की विशेषताएं

1. हरित शवदाह गृह : शवदाह की प्रक्रिया की डिजाइन ऐसी होगी कि लकड़ियां कम लगेंगी और प्रदूषण भी कम होगा।

2. दिल्ली में तीन रियल टाइम मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे, जो वायु प्रदूषण में मौजूद हर प्रदूषक तत्व की जानकारी देंगे, साथ ही उसका स्रोत भी बताएंगे।

3. वायु प्रदूषण फैलाने वालों को कानूनी कार्रवाई के दायरे में ले आने की प्रक्रिया पर काम किया जाएगा।

4. जन और संस्थागत भागीदारी संग एक साथ कई मोर्चो पर होगा काम

5. पहले चरण में सीपीसीबी ने 12 प्रस्ताव किए स्वीकृत, दिया जाएगा अनुदान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button