मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामला: असीमानंद सहित सभी आरोपी बरी
हैदराबाद। मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद सहित सभी 5 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। हैदराबाद की विशेष एनआइए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ एनआइए सबूत नहीं पेश कर पाई।
ये पांच आरोपी बरी
एनआइए की विशेष अदालत ने सभी पांच आरोपी स्वामी असीमानंद उर्फ नबा कुमार सरकार, भारत मोहनलाल रत्नेश्वर उर्फ भारत भाई, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा और राजेंद्र चौधरी को कोर्ट ने बरी करने का फैसला सुनाया। इन सभी को मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनपर ट्रायल चला था। वहीं, इस फैसले पर गृहमंत्रालय के पूर्व अपर सचिव आरवीएस मणि ने कहा, ‘मुझे इसी फैसले की उम्मीद थी, सारे सबूत फर्जी थे। हिंदू आतंकवाद का कोई ऐंगल नहीं था।’
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बता दें कि जुमे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे। यह घटना 18 मई, 2007 को हुई थी। एनआइए मामलों की चतुर्थ अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र सह विशेष अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली थी और पिछले हफ्ते फैसले की सुनवाई 16 अप्रैल तक के लिए टाल दी गई थी। इस मामले में स्थानीय पुलिस की शुरुआती छानबीन के बाद मामला सीबीआइ को स्थानांतरित कर दिया गया था। सीबीआइ ने आरोपपत्र भी दाखिल किया। इसके बाद 2011 में सीबीआइ से यह मामला एनआइए को सौंप दिया गया।
कब और कैसे हुआ मक्का मस्जिद ब्लास्ट
– 18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दिन मक्का मस्जिद पर हुआ ब्लास्ट
– दोपहर 1:25 पर मोबाइल निर्देशित पाइप बम में धमाका किया गया
– बम वजुखाना में संगमरमर की बेंच के नीचे लगाया गया था
– ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत, जबकि 58 लोग घायल हुए
– प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में और लोग मारे गए
– बाद में मक्का मस्जिद में तीन बम और मिले
– NIA ने स्वामी असीमानंद, लक्ष्मण दास महाराज समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया
– दो और मुख्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कलसंगरा अभी भी फरार
– 2011 में CBI ने मामले को NIA को सौंपा
– 13 मार्च 2018 को डॉक्युमेंट जांच के दौरान असीमानंद की डिस्क्लोजर रिपोर्ट गायब होने की सूचना मिली
– एक दिन बाद यह क्लोजर रिपोर्ट मिल गई