श्वेता ने अपनी किताब पर खुशी जाहिर की और जब उनसे पूछा गया कि उन्हें किताब लिखने का विचार कहा से आया तो उन्होंने कहा- “मेरे मन में ‘पैराडाइज टॉवर्स’ लिखने का विचार एक सुबह जागने के बाद आया। यह मेरे लिए स्वाभाविक है, क्योंकि मैं कथाकारों के परिवार से ताल्लुक रखती हूं। बचपन में हमें पढ़ने-लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था और हमें कल्पनाएं करने की पूरी छूट थी।”
श्वेता बच्चन नंदा अपनी किताब को लेकर काफी उत्साहित भी हैं। पता हो कि उनके दादा यानि हरिवंश राय बच्चन मशहूर हिंदी साहित्यकार रहे हैं। उनकी ‘मधुशाला’ जैसी कई रचनाएं काफी प्रसिद्ध रही हैं। इसके अलावा उनकी जीवनी और कविताएं भी हिंदी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं।