कैप्टन की पुलिस अफसरों को दो टूक, अनुशासन तोड़ा तो बर्खास्त कर दूंगा

जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस में डीजीपी स्तर पर चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए वह कड़े कदम उठाने से भी गुरेज नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने डीजीपी व एडीजीपी स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक कर दो टूक चेतावनी दी कि अगर कोई भी अनुशासनहीनता करेगा, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के अलावा बर्खास्त करने जैसा कदम भी उठाया जाएगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, अब यह विवाद तत्काल रोकें। कैप्टन की पुलिस अफसरों को दो टूक, अनुशासन तोड़ा तो बर्खास्त कर दूंगा

बैठक में सीएम ने नहीं सुनी कोई दलील व अपील, कहा- अनुशासनहीनता तुरंत रुके

एक हफ्ते से डीजीपी सुरेश अरोड़ा, डीजीपी दिनकर गुप्ता व डीजीपी एसके चट्टोपाध्याय के बीच नशे व इंदरप्रीत चड्डा आत्महत्या के मामले को लेकर चल रहे विवाद को खत्म करवाने को लेकर हुई पांच मिनट की बैठक में कैप्टन ने किसी अफसर को बोलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने अफसरों की कोई दलील-अपील नहीं सुनी।

कैप्टन ने कहा कि अगर कोई भी अफसर अदालत या मीडिया में गया, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि अनुशासन तोड़ने वाले किसी भी अधिकारी को बर्खास्त करने के लिए वे केंद्रीय गृह मंत्री से भी सिफारिश करने से पीछे नहीं हटेंगे। मीडिया व अदालतें मतभेद हल करने का उपयुक्त मंच नहीं हैं। आपसी मतभेद को अफसर आपस में ही हल करें या व्यवस्था का पालन करें।

पुलिस की छवि को पहुंचा नुकसान

कैप्टन ने कहा है कि विभागीय व प्रोफेशनल काम और विवादों को लेकर कोई भी सीनियर अधिकारी सबसे पहले डीजीपी सुरेश अरोड़ा, उसके बाद गृह सचिव और मुख्य सचिव के पास जा सकता है। वहां से संतुष्ट न हो तो सीधे उनसे बात की जा सकती है। नशा माफिया लगातार राज्य को नुकसान पहुंचा रहा है। हाल ही के दिनों में हुई इस घटना ने पुलिस फोर्स की छवि को नुकसान पहुंचाया है। बीते दिनों में जो भी हुआ, वह निंदनीय व पंजाब के हितों के लिए घातक है।

यह है विवाद

पिछले हफ्ते डीजीपी (एचआरडी) एसके चट्टोपाध्याय ने हाईकोर्ट में अर्जी देकर डीजीपी अरोड़ा व दिनकर गुप्ता पर आरोप लगाया था कि दोनों के इशारों पर सीकेडी उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह चड्ढा आत्महत्या मामले में जांच को लेकर गठित कमेटी के हेड आइजी एलके यादव उन पर दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वह हाईकोर्ट की ओर से नशे के मामले को लेकर एसएसपी मोगा राजजीत सिंह के मामले की जांच कर रही कमेटी को हेड कर रहे हैं, इसलिए उन पर नाजायज दबाव बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने पूरे मामले को लेकर तीन दिन पहले भी सभी पुलिस अफसरों को चेतावनी दी थी कि वह अनुशासनहीनता न करें। साथ ही विवाद को हल करने के लिए चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार की अगुवाई में डीजीपी व एनएस कलसी की टीम बनाई थी।

अफसरों को किसी कीमत पर झुकने नहीं दूंगा: अरोड़ा

डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि समूचे घटनाक्रम ने उनको मुश्किल स्थिति में डाल दिया है, लेकिन उन्होंने अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि वह किसी भी कीमत पर उनको झुकने नहीं देंगे। वह पुलिस के पेशेवर मापदंडों में विस्तार करने के लिए लगातार काम करते रहेंगे। गृह सचिव एनएस कलसी ने भी बीते दिनों डीजीपी के विवाद को लेकर चिंता व्यक्त की। इस मौके पर पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को छोड़कर पंजाब पुलिस के सभी डीजीपी और 17 एडीजीपी मौजूद थे।

अरोड़ा की लीडरशिप में ही करना होगा काम

कैप्टन ने कहा कि सभी पुलिस अफसरों को डीजीपी सुरेश अरोड़ा की लीडरशिप में ही काम करना होगा। अरोड़ा उच्च दर्जे के पेशेवर अधिकारी हैं। केंद्र सरकार अरोड़ा को केंद्र में ले जाना चाहती थी, उन्होंने  अरोड़ा की महारत और पेशेवर योग्यता के मद्देनजर उनको राज्य में रखने की विनती की थी। उन्होंने पंजाब को आतंकवाद, सामूहिक हत्याओं, धार्मिक नेताओं की  हत्या जैसी मुश्किलों से बाहर निकाला है। 

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