अाखिर इतना खास क्यों है सिद्धिविनायक मंदिर, जहां आम आदमी से लेकर अंबानी तक टेकते हैं माथा

भारत के सबसे रईस व्यक्ति और उद्योगपति मुकेश अंबानी अपने पूरे परिवार के साथ रविवार को रामनवमी के मौके पर मुंबई के प्रसिद्धि मंदिर सिद्धिविनायक में भगवान के दर्शन करने पहुंचा। यहां मुकेश अंबानी के साथ उनकी पत्नी नीता अंबानी, बेटी ईशा, छोटा बेटा अनंत, बड़ा बेटा आकाश और होने वाली बहू श्लोका मेहता भी पहुंची थीं। गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब आकाश अंबानी और श्लोका की सगाई के बाद पूरा अंबानी परिवार सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन करने पहुंचा। आइए आपको बताते है कि आखिर क्यों इतना प्रसिद्ध है सिद्धिविनायक मंदिर और क्या है इसके पीछे की मान्यताएं

सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित मंदिर है। यह महाराष्ट्र में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण मूल रूप से 19 नवंबर 1801 में लक्ष्मण विठु और देऊबाई पाटिल ने बनवाया था। यह मंदिर मुंबई में सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।
आमतौर पर भक्त बाईं तरफ मुड़ी सूड़ वाली गणेश प्रतिमा की ही प्रतिष्ठापना और पूजा-अर्चना किया करते हैं। गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्धपीठ से जुड़ी होती हैं । भगवान गणेश भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं। मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं।
गणपति के दोनों ओर उनकी दोनो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि मौजूद हैं जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का प्रतीक है। सन 1801 में निसंतान देवबाई पाटिल ने एक चबूतरे पर भगवान गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करके उनकी पूजा करने लगी जिसके बाद उन्हें संतान की प्राप्ति हुईं। फिर धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि फैलती गई और यहां लोग अपनी मन्नतें मांगने लगे।