दरोगा समेत 12 लोगों पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया जाए: कोर्ट

police-560cd0e77b552_exlstत्तर प्रदेश में बदायूं के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस्लामनगर थाने में तैनात दरोगा नसीम खान समेत 12 लोगों के खिलाफ किशोरी से गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

आरोपियों में एक महिला आरक्षी और दो सिपाही भी शामिल हैं। कोर्ट ने यह आदेश किशोरी की मां के अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया है। अर्जी में मां का कहना है कि अब भी उसकी बेटी आरोपियों के चंगुल में है।

इस्लामनगर थाने के एक गांव की महिला ने दो सितंबर 2015 को सीजेएम कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत अर्जी दाखिल की थी। उसका आरोप है कि गांव के ही देवेंद्र, रोहन, नबाव सिंह, नन्हे और रूम सिंह ने उसे और उसकी नाबालिग बेटी को तीन माह पहले असलहों के बल पर अगवा कर लिया था।

 
उस वक्त एसएसपी के आदेश पर महिला के पति की ओर से पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि इस मामले में विवेचक नसीम खां ने आरोपियों से साठगांठ कर ली थी।

बरामदगी के बाद उस वक्त धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने से पहले नसीम खां ने उसे और उसकी बेटी को धमकाया भी था।

आरोप है कि बयान दर्ज होने के बाद दरोगा नसीम खां, महिला आरक्षी सुलोचना और इस्लामनगर थाने के ही दो सिपाहियों ने देवेंद्र, रूम सिंह, रोशन सिंह, रामतीरथ उर्फ भूरे, नवाब सिंह, धनपाल, नन्हे और देगपाल के साथ मां-बेटी को फिर से अगवा कर लिया।

दरोगा नसीम खां समेत सभी आरोपियों ने उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया। नौ अगस्त 2015 को आरोपी लोग मां-बेटी को दिल्ली के मोहल्ला खानपुर ले गए। वहां भी नाबालिग के साथ बलात्कार किया।

 

महिला का आरोप है कि वह तो किसी तरह उनके चंगुल से छूट आई, मगर उसकी बेटी अब तक आरोपियों के चंगुल में है। उसने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद उसने कोर्ट की शरण ली।

अर्जी पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामकिशोर ने इस्लामनगर पुलिस को मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है।

एसपी देहात, मुन्ना लाल का कहना है कि न्यायालय का अब तक ऐसा कोई आदेश मेरे संज्ञान में नहीं आया है। आदेश मिलते ही उसका पालन किया जाएगा। निष्पक्ष विवेचना होगी।

 

 

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