मोहम्मद शमी को लेकर धर्मसंकट में BCCI, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

मोहम्मद शमी के वार्षिक अनुबंध को लेकर बीसीसीआई बुरी तरह धर्मसंकट में फंस गई है। सीओए से लेकर बोर्ड अधिकारियों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस मामले को लेकर अंतिम फैसले पर किस तरह पहुंचा जाए। बोर्ड ने पहले दो से तीन दिनों तक इस पर फैसले को टालने का निर्णय लिया था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि एक सप्ताह या इससे ज्यादा समय भी लग सकता है।
इस बीच बोर्ड में यह भी प्रस्ताव रखा गया है कि अपने स्तर पर किसी को जिम्मेदारी सौंपते हुए दोनों पक्षों से बात कर रिपोर्ट तैयार की जाए। इसके आधार पर ही शमी के वार्षिक अनुबंध पर निर्णय लिया जाए, लेकिन इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर सीओए चेयरमैन विनोद राय को लगानी है।
फिलहाल कुछ दिनों के लिए बोर्ड ने घटनाक्रम पर नजर रखने का मन बनाया है। इस बीच मामले में अगर पुलिस शामिल हो जाती है तो बोर्ड के लिए तो फैसला लेने में आसानी होगी, लेकिन शमी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
बोर्ड के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि स्थिति काफी पेचीदा है। सीओए के सामने दोनों पक्षों से बात कर रिपोर्ट तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन इस पर फैसला उन्हीं को लेना है। शमी की मुश्किलें उस स्थिति में और बढ़ सकती हैं अगर पुलिस ने उनकी पत्नी की ओर से लगाए आरोपों पर खुद जांच शुरू कर दी।
चयनकर्ताओं ने दिए 26 नाम
बीते वर्ष वार्षिक अनुबंध में 32 क्रिकेटर शामिल थे, लेकिन इस बार छंटनी कर 26 कर दिए गए। बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि चयनकर्ताओं ने ही 32 की जगह 26 खिलाड़ियों के नाम दिए हैं। जिसके चलते उतने ही खिलाड़ियों का वार्षिक अनुबंध किया गया है। हालांकि सूत्र यह भी बताते हैं कि चयनकर्ताओं की ओर से जो सूची दी गई थी उसमें कुछ नाम ऊपर-नीचे किए गए हैं।
सी ग्रेड में शामिल किए जा सकते हैं क्रिकेटर
बोर्ड से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 26 क्रिकेटर शामिल जरूर किए गए हैं, लेकिन किसी ने इस दौरान बेहद अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया तो उसे सी ग्रेड में जगह दी जा सकती है। बाकी किसी ग्रेड में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।