खुशखबरी: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए राहत की खबर

एमबीबीएस व डेंटल कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले नेशनल एलिजिबिलिटी एंटरेंस टेस्ट (नीट)-2018 में शामिल होने वालों एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए राहत की खबर है। इन परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को यह आदेश दिया है।
सीबीएसई अभ्यर्थियों से दूसरे पहचान पत्र जैसे पासपोर्ट नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक स्टेटमेंट, वोटर कार्ड अथवा राशन कार्ड ले सकती है। आधार मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को कहा कि एमबीबीएस व डेंटल कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले नीट-2018 सहित अन्य अखिल भारतीय परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए आधार अनिवार्य नहीं किया जाए।
हालांकि पंजीकरण के लिए अभ्यर्थियों को कोई दूसरा पहचान पत्र देना होगा। पीठ ने सीबीएसई को अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी अपलोड करने के लिए कहा है। नीट-2018 परीक्षा के लिए पंजीकरण की आखिरी तारीख 9 मार्च है।
इससे पहले यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि उनकी ओर से सीबीएसई को ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है कि वह नीट-2018 परीक्षा के पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य करें।
अटॉर्नी जनरल ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर, मेघालय और असम की तरह अन्य प्रांतों के अभ्यर्थी भी पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड आदि के जरिए नीट-2018 परीक्षा के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं।
एआईडीएआई ने अपना पक्ष उस याचिका पर दिया जिसमें नीट-2018 परीक्षा में पंजीकरण कराने के लिए आधार को अनिवार्य करने के सीबीएसई के फैसले को चुनौती दी गई थी। इससे पहले, गुजरात हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी।