वैलेंटाइन वीक पर युवाओं को सीनियर सिटीजन्स से मिले अनोखे टिप्स
लखनऊ। फरवरी को प्यार का महीना कहा जाता है। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे है यानी प्यार करने वालों का दिन। लेकिन 7 फरवरी से ही रोज डे, चॉकलेट डे की तरह अलग-अलग दिनों की शुरुआत हो जाती है। 13 फरवरी को किस डे मनाया जाता है। अक्सर वैलेंटाइन वीक की शुरुआत होते ही युवाओं में गजब का जोश देखने को मिलता है, तो वहीं इस बार लखनऊ के बुजुर्ग भी कुछ पीछे नहीं दिखे।
दरअसल वैलेंटाइन वीक में अपने प्यार के तरीकों से रूबरू करवाने और उनके अनुभवों को जानने के लिए मोटिवेजर्स क्लब के साथ लखनऊ के सीनियर सिटीजन और युवाओं का जखीरा एक साथ आया। सीनियर सिटीजंस ने यहां इस प्यार भरे सप्ताह का हिस्सा बनकर अपने किस्से और कहानियों को युवाओं से साझा किया।
मोटिवेजर्स क्लब की ओर से सीनियर सिटीजंस के लिए वैलेंटाइन वीक को स्पेशल बनाने के लिए एक आयोजन किया गया था। समाज में उपेक्षा और एकांत का शिकार हो रहे बुजुर्गों को वापस जीवंत करने के उद्देश्य से किया गया यह आयोजन वैलेंटाइन थीम पर आधारित रहा।
इस आयोजन में तहत कई तरह के गेम्स और अन्य आयोजन किए गए। कार्यक्रम में बुजुर्गों के लिए म्यूजिकल चेयर, बैलून बैलेंसिंग व अन्य खेल आयोजित किए गए, जिनका बुजुर्गों ने भरपूर आनंद लिया। गेम्स के साथ प्रतियोगिताओं में भी बुजुर्गों ने काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
बेस्ट प्रपोजल के लिए मिस्टर और मिसर्स के. अरोड़ा विजेता चुने गए, वहीं मिस्टर एंड मिसेज़ वैल ड्रेस्ड आयोजन में यूएन श्रीवास्तव व उनकी धर्मपत्नी पुरुस्कृत हुईं। इस आयोजन में बुजुर्गों ने अपनी उम्र के समस्त बंधनों को भूलकर दिल भर के आनंद का समय बिताया।
कार्यक्रम में बुजुर्गों से उनके पहले प्यार की कहानी, उनकी शादी के हाल और उनके प्यार के सफरनामे के बारे में पूछा गया तो पहले वह भी शरमाए लेकिन बाद में युवाओं को आप के प्यार की दास्तान खुलकर बताई। किसी ने बताया कि स्कूल में ही पसंद कर लिया था तो किसी की मुलाकात अनजाने में हुई। सीनियर सिटीजन की कहानियों को युवा काफी उत्साह और जोश के साथ सुनते नज़र आए।
कार्यक्रम में गिटार की धुन पर बुजुर्गों से उनकी पसंद का गाना गवाया गया। साथ ही फिल्मी गानों पर डांस भी करवाया गया। इसमे उनका उत्साह चरम पर देखने को मिला। कार्यक्रम के आयोजन में क्लब के फाउंडर गौरव छाबड़ा ने बताया कि क्लब का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में बुजुर्गों को जोड़ना व उनको एकांत से जीवंत बनाने की कोशिश करना है। इस मुहीम में उनके साथ आस्था सिंह, प्रिशिता राठी, वैभव सिंह व अन्य सहयोगियों का साथ है।