भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अखिलेश लाएंगे यूपी में नया कानून

बेakhilesh-yadav-560027838ca90_exlstहतर सुविधाएं मुहैया कराने और जनता से सीधे जुड़े विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के लिए अखिलेश सरकार सूबे में सेवा का अधिकार (राइट टू सर्विस) कानून लाने की तैयारी कर रही है।

यानी अफसर और कर्मचारी अब काम करने में बहाने नहीं बना सकेंगे। सूत्रों की मानें तो इसका मसौदा भी तैयार हो गया है। इस कानून में स्वतंत्र रूप से एक सेवा का अधिकार आयोग बनाने का प्रस्ताव है। जल्द ही इसे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

सूत्रों के अनुसार इसकी पहल खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही की थी। उनकी हरी झंडी मिलते ही इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा। गौरतलब है कि बिहार, पंजाब, झारखंड, उत्तराखंड में यह कानून पहले से ही लागू है। हाल ही में महाराष्ट्र ने भी लागू किया है।

दिल्ली और केरल इस पर विचार कर रहे हैं। इन राज्यों में लागू कानून के आधार पर यूपी में भी मसौदा तैयार कराया गया है।

इस कानून के तहत चिह्नित विभागों के अधिकारियों को आवेदक को तय समयसीमा में सेवा देने की बाध्यता होती है। इसमें विलंब होने पर आवेदक प्रथम व द्वितीय अपील कर सकता है। दोषी पाए जाने पर अधिकारी को दंडित भी किया जा सकता है।

विभागीय स्तर पर अपीलों का निस्तारण न होने पर आयोग में अपील की जा सकती है।

जनता से सीधा संबंध रखने वाले राजस्व, वन, समाज कल्याण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा, नगर विकास, गृह, परिवहन, अल्पसंख्यक कल्याण जैसे विभागों को इसके दायरे में लाने पर विचार किया जा रहा है।

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