पीएम मोदी की पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा, मोदी डिप्लोमेसी का अद्भुत संयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा पर हैं. जॉर्डन के बाद मोदी आज फिलीस्तीन जा रहे हैं. नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इजरायल की भी यात्रा की है और अब फिलीस्तीन पहुंच रहे हैं. फिलीस्तीन 30 साल पहले आजाद हुआ था और भारत उन पहले देशों में शामिल था, जिन्होंने फिलीस्तीन की आजादी और संप्रभुता को मान्यता दी थी. लेकिन अब तक देश का कोई भी पीएम फिलीस्तीन तक नहीं पहुंच पाया. हालांकि, 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू गाजा गए थे, लेकिन तब फिलीस्तीन का वजूद नहीं था.
इजरायल-फिलीस्तीन जाने वाले पहले पीएम
ये अजीब इत्तफाक है कि भारत के रिश्ते फिलीस्तीन से बहुत अच्छे रहे हैं, लेकिन मोदी से पहले किसी प्रधानमंत्री ने वहां जाने की जहमत नहीं उठाई. ये कुछ उसी तरह है जैसे इजराइल के 70 साल के वजूद में कोई प्रधानमंत्री कभी इजराइल भी नहीं गया था और पिछले साल पीएम मोदी वहां गए, जहां गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत सत्कार किया गया. इतना ही नहीं, इसके महज 6 महीने बाद ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर पहुंच गए.
इजरायल-फिलीस्तीन का खूनी संघर्ष
दुनिया के इतिहास में ये वो दो पड़ोसी देश हैं, जिनकी सीमाएं ना जाने कितने नागरिकों के खून से नहाई हैं और जो एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते हैं. गाजा पट्टी को लेकर दोनों मुल्कों में हमेशा से विवाद रहा है. लेकिन अब पीएम मोदी के रूप में कम से कम फिलीस्तीन को तो उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है.
फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महबूब अब्बास ने मोदी की यात्रा से पहले कहा है कि ‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक यात्रा से भाव-विभोर हैं. ये यात्रा भारत और इजरायल के लोगों के भाईचारा वाले संबंधों की मजबूती का इजहार करेगा. हम शांति प्रक्रिया की ताजा गतिविधि और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर भी प्रधानमंत्री मोदी से बात करेंगे.’