राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ बगावत, सीएम पद से हटाने के लिए उठी आवाजें

एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की पराजय के बाद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ प्रदेश में बगावत के सुर उठने लगे हैं. पार्टी के भीतर ही सीएम पद से उन्हें हटाने के लिए आवाजें उठने लगी हैं. पार्टी के कई सदस्यों ने इस बाबत राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा है कि राजे को उनके पद से हटाया जाए. उनकी जगह किसी दूसरे नेता को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए.
भाजपा की कोटा इकाई में ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बीती 2 फरवरी को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि राजस्थान के लोग मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं. उनकी कार्यशैली के कारण ही भाजपा के कार्यकर्ता भी जनता के बीच अपना भरोसा खोते जा रहे हैं. ऐसे में जबकि इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं, प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के अंदर मुख्यमंत्री के खिलाफ विद्रोह पार्टी के लिए सही संकेत नहीं हैं.
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प्रदेश अध्यक्ष को कहा पिछलग्गू
कोटा ओबीसी प्रकोष्ठ के अमित शाह को लिखे इस पत्र में सिर्फ सीएम वसुंधरा राजे पर ही हमला नहीं किया गया है, बल्कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी पर भी तंज कसा गया है. पत्र में परनामी को वसुंधरा राजे का पिछलग्गू बताते हुए अशोक चौधरी ने कहा है कि वे प्रदेश में भाजपा को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. चौधरी ने पत्र में चेतावनी देते हुए कहा है कि सीएम वसुंधरा ब्यूरोक्रेसी के जाल में फंसी हुई हैं. इस कारण राजस्थान में इस साल होने वाले चुनाव भाजपा को हार का सामना करना पड़ सकता है.
नेतृत्व परिवर्तन की उठी मांग
अशोक चौधरी ने अपने पत्र में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखते हुए कहा है कि पार्टी हाईकमान राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन करे. किसी नए नेता को प्रदेश का सीएम बनाया जाए. इससे पार्टी में नई ऊर्जा का संचार होगा और कार्यकर्ता नए सिरे से एकजुट होकर विधानसभा चुनाव में उतरेंगे. चौधरी ने पत्र लिखने की स्वीकारोक्ति करते हुए बताया कि इसमें लिखे एक-एक शब्द भाजपा के कार्यकर्ताओं के हैं. उन्होंने हालिया उपचुनावों में पार्टी की हार के बरक्स सुझाव दिया है कि इस पर गंभीरता से विमर्श की जरूरत है. इसके बाद ही पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में जीत दर्ज करने की सोच सकती है. बता दें कि कोटा, राजस्थान में भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है. पिछले चुनाव में यहां की 17 में से 16 सीटों पर पार्टी को विजयश्री हासिल हुई थी.