इस शख्स ने बनाई ऐसी वर्दी, खूबियां जानकर सेना प्रमुख को भी नहीं होगा यकीन

तस्वीरों में दिख रहे इस शख्स ने ऐसी ड्रेस बनाई है, जो भारतीय सेना के बहुत काम आएगी। इसकी खूबियां जानकर जनरल रावत को यकीं नहीं होगा।

सब कुछ ठीक रहा तो सीमा पर सेना की वर्दी में घुसपैठ करने वाले आतंकियों की पहचान आसानी से हो जाएगी। सैन्य कर्मियों की वर्दी में कलर के सहारे स्पेशल कोडिंग के सहारे इस काम को अंजाम दिया जा सकेगा। स्पेशल कोडिंग वाली वर्दी पहनने वाले व्यक्ति के सीसीटीवी कैमरे के सामने आते ही असली और नकली की पहचान की जा सकेगी।
13 साल की लंबी रिसर्च के बाद दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी मुरथल के वीसी प्रो. राजेंद्र अनायत ने ऐसी स्पेशल कोडिंग विकसित कर उसका पेटेंट करवा लिया है। प्रो. राजेंद्र अनायत के अनुसार कपड़ों में अभी तक सिक्योरिटी कलर का इस्तेमाल करने पर ही कोई कोड दिया जा सकता था। उस कोड को कोई भी कॉपी कर सकता है, जिसके लिए केवल सिक्योरिटी कलर की जरूरत होती है।
इसलिए सिक्योरिटी कलर से कपड़ों में कोडिंग करना सुरक्षा के लिहाज से बेहतर नहीं था। उनकी रिसर्च की मदद से कोडिंग केवल कपड़े ही नहीं, बल्कि पेपर, लेदर, लकड़ी तक में सामान्य रंग के सहारे हो सकती है। इस रिसर्च को बेस्ट मानते हुए उन्हें वर्ल्ड रिसर्च कमेटी ने प्रमाण पत्र भी दिया है।
ऐसे होती है असली-नकली की पहचान
वीसी डा. राजेंद्र अनायत ने बताया कि किसी भी कपड़े में सामान्य रंग से स्पेशल कोडिंग की जाती है। इसमें उस व्यक्ति का फोटो, नाम, किसी भी संस्थान का फोटो, कोई भी शब्द हो सकता है। कपड़ा आंखों के सामने होने पर भी कलर से दिया कोड दिखाई नहीं देता। जब वह सीसीटीवी कैमरे के सामने आएगा तो जिस एलईडी या प्रोजेक्टर से वह जुड़ा होगा, उस पर कोडिंग साफ दिखाई देगी। जिस फोटो या नाम की कोडिंग होगी, वही एलईडी या प्रोजेक्टर पर दिखेगी। कपड़ा पहनने वाला व्यक्ति असली है या नकली तुरंत पहचान हो जाएगी। साथ ही किसी कपड़े में कोडिंग करने पर उसकी कॉपी नहीं की जा सकती।
वीसी डा. राजेंद्र अनायत ने बताया कि किसी भी कपड़े में सामान्य रंग से स्पेशल कोडिंग की जाती है। इसमें उस व्यक्ति का फोटो, नाम, किसी भी संस्थान का फोटो, कोई भी शब्द हो सकता है। कपड़ा आंखों के सामने होने पर भी कलर से दिया कोड दिखाई नहीं देता। जब वह सीसीटीवी कैमरे के सामने आएगा तो जिस एलईडी या प्रोजेक्टर से वह जुड़ा होगा, उस पर कोडिंग साफ दिखाई देगी। जिस फोटो या नाम की कोडिंग होगी, वही एलईडी या प्रोजेक्टर पर दिखेगी। कपड़ा पहनने वाला व्यक्ति असली है या नकली तुरंत पहचान हो जाएगी। साथ ही किसी कपड़े में कोडिंग करने पर उसकी कॉपी नहीं की जा सकती।
देश की सुरक्षा के लिए देंगे मुफ्त
डा. राजेंद्र अनायत ने बताया कि पेटेंट होने के बाद कई बड़ी कंपनियों ने उन्हें ऑफर किया लेकिन वह इसे बेचेंगे नहीं। देश की सुरक्षा के लिए इसे मुफ्त में देंगे। इसके लिए उनकी कुछ दिन पहले केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह से भी उनकी बात हुई थी। उनसे सेना की वर्दी में जवान के फोटो और तिरंगे की कोडिंग पर चर्चा की थी। लेकिन अभी इस पर सहमति नहीं बन सकी है। उन्होंने कहा कि सैन्य कर्मियों की वर्दी में रिसर्च के आधार पर कोडिंग हो जाने पर पठानकोट एयरबेस जैसी घटनाओं को रोकने में बहुत हद तक मदद मिल सकती है।
डा. राजेंद्र अनायत ने बताया कि पेटेंट होने के बाद कई बड़ी कंपनियों ने उन्हें ऑफर किया लेकिन वह इसे बेचेंगे नहीं। देश की सुरक्षा के लिए इसे मुफ्त में देंगे। इसके लिए उनकी कुछ दिन पहले केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह से भी उनकी बात हुई थी। उनसे सेना की वर्दी में जवान के फोटो और तिरंगे की कोडिंग पर चर्चा की थी। लेकिन अभी इस पर सहमति नहीं बन सकी है। उन्होंने कहा कि सैन्य कर्मियों की वर्दी में रिसर्च के आधार पर कोडिंग हो जाने पर पठानकोट एयरबेस जैसी घटनाओं को रोकने में बहुत हद तक मदद मिल सकती है।