बड़ी खबर: राजपूतों के बाद अब मुस्लिमों की भावनाएं भी ‘पद्मावत’ से आहत, कहा-कोई नही रोक सकता…
भारत में काफी जद्दोजहद के बाद रिलीज हुई विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ को अब ‘इस्लाम की संवेदनशीलताओं’ की चिंताओं के मद्देनजर मलेशिया के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने से रोक दिया गया है. मलेशिया के नेशनल फिल्म सेंसरसिप बोर्ड (एलपीएफ) ने फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ की देश में रिलीज पर रोक लगा दी है. वेबसाइट ‘वेराइटी डॉट कॉम’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एलपीएफ के अध्यक्ष मोहम्मद जामबेरी अब्दुल अजीज ने एक बयान में कहा कि फिल्म की कहानी अपने आप में चिंता का एक बड़ा विषय है क्योंकि ‘मलेशिया एक मुस्लिम बहुल मुल्क है.’
जायसी की रचना ‘पद्मावत’ पर आधारित है फिल्म
अजीज ने कहा, “फिल्म की कहानी इस्लाम की संवेदनशीलता को छूती है. यह अपने आप में मलेशिया, एक मुस्लिम बहुल मुल्क, में एक बड़ी चिंता का विषय है.” 16वीं सदी के कवि मलिक मुहम्मद जायसी की रचना ‘पद्मावत’ पर आधारित इस फिल्म का देश में राजपूत संगठन राजपूत करणी सेना ने ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए काफी विरोध किया था. काफी मशक्कत के बाद फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो पाई.
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अलाउद्दीन खिलजी को राक्षस जैसा दिखाने पर फिल्म की आलोचना
रिलीज के बाद फिल्म को मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है. कुछ वर्गों द्वारा जौहर का महिमामंडन करने और अलाउद्दीन खिलजी को राक्षस जैसा क्रूर व्यवहार करते दिखाए जाने पर फिल्म की आलोचना की गई है. एलपीएफ के फैसले को लेकर मलेशिया के वितरकों द्वारा मंगलवार (30 जनवरी) को अलग से गठित फिल्म अपील समिति में अपील किए जाने की उम्मीद है. फिल्म ‘पद्मावत’ में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं.
पद्मावत फिल्म के लिए दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
वहीं दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय ने पद्मावत फिल्म से विवादास्पद अंश निकालने के लिए दायर एक याचिका सोमवार (29 जनवरी) को खारिज करते हुए कहा कि इस फिल्म को सेन्सर बोर्ड ने प्रमाण पत्र दे दिया है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस टिप्पणी के साथ अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की नई याचिका खारिज कर दी. इससे पहले भी न्यायालय ने मनोहर लाल शर्मा के इस फिल्म का प्रदर्शन रुकवाने के दो प्रयासों को निष्फल कर दिया था.
दीपिका पादुकोण, रणबीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत इस फिल्म के कुछ अंश हटाने के लिए दायर इस नई याचिका में शीर्ष अदालत के पिछले साल 20 नवंबर के आदेश का हवाला दिया गया था जिसमें उनसे अपनी याचिका से इस फिल्म से संबंधित कुछ विवरण हटाने के लिए कहा गया था क्योंकि इनसे कटुता पैदा हो सकती है. पीठ ने कहा, ‘केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म को कुछ बदलाव करने के सुझाव के साथ मंजूरी दी है. हम इसके बाद फिल्म को प्रदर्शित करने से नहीं रोक सकते.’