सावधान! इन छोटी-छोटी चीज़ों से भी हो सकता है कैंसर?

कैंसर एक गंभीर बीमारी है. इस बीमारी का पता अगर शुरुवात में चल जाए तभी इसे ठीक किया जा सकता है. देर होने पर इसका इलाज मुश्किल है. कैंसर की बीमारी में असामान्य सेल्स बनने लगते हैं जो बॉडी में मौजूद टिशूज़ को धीरे-धीरे नष्ट कर देते हैं. आप जानकर हैरान हो जायेंगे कि कैंसर के कुल 100 प्रकार होते हैं. कैंसर के लक्षण असामन्य ब्लीडिंग, शरीर में गांठ , कम वजन होना, कफ़ आदि हो सकते है. फैक्ट्स की बात करें तो भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या लगभग 14.5 लाख है और हर साल इसके 7 लाख नए मामले आते हैं. 30 से 69 उम्र के लोगों में कैंसर से मरने का ख़तरा आम लोगों की तुलना में 71 फ़िसदी ज़्यादा है. कैंसर के कई कारण हो सकते हैं. पर कुछ कैंसर की वजह तो हमारी कल्पना से भी परे होता है. आज हम ऐसे ही कुछ वजहों पर चर्चा करेंगे.

इन चीजों से भी होता है कैंसर का खतरा

  • धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने वालों को कैंसर का ख़तरा ज़्यादा होता है. अधिक वज़न वाले लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.
  • ज़्यादा धूल-मिटटी, गंदा पानी और रेडिएशन वाली जगहें खतरे की घंटी हो सकती है. जहां तक हो सके इनसे बचने की कोशिश करें.
  • आजकल खुशबु वाली चीज़ों का इस्तेमाल हर जगह किया जाता है. जैसे कि कमरे के लिए रूम फ्रेशनर, कार के लिए कार फ्रेशनर यहां तक की लोग अगरबत्ती भी अधिक से अधिक सुगंध वाली लेते हैं. इन खुशबु वाले पदार्थों में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हवा में मौजूद गैसों से रियेक्ट कर जाते हैं. इस वजह से कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है. इसलिए ज़यादा खुशबु वाले पदार्थों का इस्तेमाल सोच-समझ कर करें.
  • खान-पान के लिए प्लास्टिक से बनी चीज़ों का उपयोग करने से बचें. प्लास्टिक का उपयोग कैंसर के ख़तरे को बढ़ाता है.
  • लोगों को कोई भी चीज़ ग्रिल्ड खाना बहुत पसंद होता है. जैसे कि तंदूरी चिकन, तंदूरी रोटी, ग्रिल्ड सैंडविच इत्यादि. पर आप क्या जानते हैं तेज़ आंच और धुंए में पकाया जाने वाला पदार्थ कुछ ऐसे केमिकल्स रिलीज़ करते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं.
  • स्वादिष्ट पिज़्ज़ा भी कैंसर का कारण हो सकता है. पिज़्ज़ा, ब्रेड और बन्स के कुछ ब्रांड्स ऐसे भी हैं जिनमे पोटैशियम, ब्रोमेट और आयोडेट नाम के केमिकल्स पाए जाते हैं. ये केमिकल्स कैंसर को बढ़ावा देते हैं.
  • अल्कोहल का सेवन अधिक मात्रा में करना भी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. शराब में मौजूद ऐसिटेलडीहाईड नामक केमिकल डीनए को नुकसान पहुंचाता है, जो की कई तरह के कैंसर को जन्म दे सकता है. इसलिए शराब और तंबाकू का सेवन हमेशा सी ही हानिकारक माना जाता है.

आंकड़ों की मानें तो कैंसर के एक तिहाई मरीज़ 65 से 74 साल के बीच के होते हैं. हालांकि यह गंभीर बीमारी किसी को भी हो सकती है. इसकी कोई उम्र नहीं होती. पर बताई हुई बातों को अगर ध्यान में रखा जाए तो इस खतरे को थोड़ा कम ज़रूर किया जा सकता है.

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