बड़ी खबर: धार्मिक स्थलों से 15 जनवरी से हटाए जाएंगे लाउडस्पीकर, आदेश न मानने वालों को होगी पांच साल की जेल

धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को लेकर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गई है। 15 जनवरी के बाद सभी धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों से उन सभी लाउडस्पीकर को हटा दिया जाएगा, जो बिना अनुमति लगाए गए होंगे। साथ ही कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को 4 जनवरी को पत्र जारी किया है। 10 जनवरी तक यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि सभी धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर कितने लाउडस्पीकर लगे हैं, कहां-कहां अनुमति ली गई है और बिना अनुमति के लाउडस्पीकर कहां-कहां बज रहे हैं।

प्रमुख सचिव गृह के निर्देश के अनुसार जिन स्थानों पर बिना अनुमति लाउडस्पीकर बज रहे हैं, वहां 15 जनवरी से पहले निर्धारित प्रारूप के तहत अनुमति ले ली जाए। अफसरों को 5 दिन के अंदर थाने व तहसील स्तर से अनुमति देना होगा। इसके बाद भी बिना अनुमति लाउडस्पीकर लगे मिले तो प्रबंधकों पर कार्रवाई के साथ 20 जनवरी तक ऐसे सभी लाउडस्पीकर उतरवा लिए जाएंगे।

उल्लंघन पर 5 साल की जेल, 1 लाख जुर्माना
ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार बिना इजाजत लाउडस्पीकर बजाने पर 5 साल तक की जेल की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बारात और जुलूस पर भी लागू होगा आदेश

प्रमुख सचिव गृह के निर्देश में कहा गया है कि इस आदेश का सभी तरह के जुलूस व बारातों में भी कड़ाई से पालन कराया जाए। यह भी निर्देश दिया है कि ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 के प्रावधानों का पालन न करने वाले आयोजकों पर कार्रवाई कर इसका ब्यौरा भी शासन को उपलब्ध कराया जाए।

लापरवाही बरतने वाले अफसर नपेंगे
इस आदेश के पालन में जिम्मेदार अफसर अगर लापरवाही बरतेंगे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश है।

अलग-अलग श्रेणियों के लिए तय हैं वैल्यूम के मानक
एरिया–दिन में–रात में
इंडस्ट्रियल–75–70
कॉमर्शियल–65–55
रेजीडेंशियल–55–45
साइलेंस जोन–50–40
(वैल्यूम का मानक डेसीबल में। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के आधार पर। रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं।)

हाईकोर्ट में ध्वनि प्रदूषण रोकने को सरकार ने क्या किया, देना होगा सात बिंदुओं पर जवाब

धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, सरकार को इसका जवाब एक फरवरी को हाईकोर्ट में देना है। दरअसल हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए जाने की मांग की थी। पिछले महीने की 20 तारीख को हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी और प्रमुख सचिव गृह और यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन से छह सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए किए गए उपाय के बारे में बताने को कहा था।

20 दिसंबर को हाईकोर्ट ने इन सात बिंदुओं पर मांगा था जवाब

– ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए साल 2000 बनी नियमावली लागू करने के लिए यूपी सरकार ने क्या सख्त कदम उठाए हैं?

–  क्या धर्म स्थलों (मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा और बाकी सभी) पर लगे सभी लाउड स्पीकर के लिए प्रशासन से लिखित अनुमति ली गई थी। अगर अनुमति नहीं ली गई तो इन्हें हटाने के लिए सरकार क्या कर रही है?

– अगर इन धर्म स्थलों पर लाउड स्पीकर बिना लिखित अनुमति लगाने दिए गए, तो वे अधिकारी क्या कर रहे थे, जिन पर इन्हें रोकने की जिम्मेदारी थी, ऐसे अधिकारियों पर क्या एक्शन लिया गया?

– इन अधिकारियों की क्या जवाबदेही तय हो रही है, जिन्हें नियमावली 2000 सख्ती से लागू करवानी थी, लेकिन वे विफल रहे?

– सरकार बताए कि अब तक यूपी में सभी धर्म स्थलों पर बिना अनुमति लगे कितने लाउडस्पीकर हटाकर नष्ट किए गए हैं?

– दिन-रात शोर-शराबे के साथ निकाले जा रहे धार्मिक जुलूसों और यात्राओं व बारातों पर क्या कार्रवाई की गई?

– प्रदेश सरकार ने इन मामलों की शिकायतें लेने के लिए क्या व्यवस्था की है?

 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button